उमंग अग्रवाल, कानपुर। कोरोना काल में संक्रमण से बचने के लिए लोग एलोपैथिक से अधिक आयुर्वेद पर भरोसा कर रहे हैं. लोगों की परेशानी और जरूरत को समझते हुए राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नोनापुर की ओर से गिलोय, अश्वगंधा, दालचीनी, काली मिर्च मिश्रित आयुष काढ़ा, संसमनी और अणु तेल उपलब्ध कराया जा रहा है.

इस कड़ी में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर विनय किशोर की देखरेख में थाना भोगनीपुर में एक केम्प का आयोजन किया गया. थाने में मौजूद थाना प्रभारी व थाना स्टाफ ने कोरोना से बचने के लिए व प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने के लिए औषधि ली. डॉक्टर ने बताया कि जब से ओपीडी सेवाएं बंद हैं, प्रतिदिन औसतन 30 लोगों के फोन विभिन्न उपचारों के लिए परामर्श लेने के लिए आते हैं. इसमें अधिकांश मौसमी बीमारियों से संबंधित होते हैं.

उन्होंने बताया कि सामान्य बुखार के लिए उन्हें सुदर्शन चूर्ण, गोदंती, अश्वगंधा चूर्ण लेने की सलाह दी जाती है. टेबलेट लेने वालों को संजीवनी बटी और त्रिभुवनकीर्ति, खांसी आने पर तालीसादी चूर्ण शहद के साथ मिलाकर खाने की सलाह दी जा रही है. खांसी अगर तेज हो तो उन्हें वासवलेह लेने के लिए परामर्श दी जाती है.

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इसके अलावा लोगों को इस समय रोग प्रतिरोधक ‘आयुष काढ़ा’ लेने के साथ अणु तेल का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने कहा जा रहा है, क्योंकि इसे नाक में डालने से श्वांस के जरिए शरीर में पहुंचने वाले विषाणु इसके संपर्क में आकर समाप्त हो जाते हैं, और संक्रमण का खतरा कम हो जाता है.

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