नासिल बेलिम, उज्जैन। विश्वप्रसिद्ध श्री महाकाल मंदिर में दीपावली पर्व का जश्न शुरू(Celebration of Diwali festival begins in Mahakal temple)  हो गया है। दीपावली के दिन आज सुबह 4 बजे भस्मारती में बाबा महाकाल का जल अभिषेक और श्रृंगार के बाद फुलझड़ियाँ जलाकर आरती की गई। इसके बाद दीपोत्सव मनाया गया है।

बाबा के दरबार में आज अन्नकूट लगा जिसमे महाकाल को छप्पन पकवानो का विशेष भोग लगाया गया। ठण्ड आरम्भ होते ही बाबा महाकाल को गर्म जल से नहलाने की भी परम्परा है। आज से बाबा को गर्म जल से स्नान की शुरुआत भी हो गई है जो की महाशिवरात्रि तक चलेगा।

महाकाल मंदिर में दीपावली उत्सव मनाने की परम्परा खास है। आज यहाँ रोजाना की तरह होने वाली भस्मारती के पहले बाबा महाकाल का चंदन से उबटन किया गया फिर सुगंधित द्रव्यों से स्नान कराया गया। यह स्नान अभयंग स्नान कहलाता है जो कि वर्ष में एक बार होता है। बाबा का अभयंग स्नान भी अपने आप में खास है। चूंकि कार्तिक माह से ठण्ड की शुरुआत मानी जाती है इसलिए यहाँ सुबह बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया जाता है और गर्म जल से स्नान की यह प्रक्रिया महा शिवरात्रि तक प्रतिदिन जारी रहती है।

दीपावली पर्व के एक दिन बाद पड़वा पर देश भर में होने वाले अन्नकूट के आयेाजन की शुरुआत भी उज्जैन के बाबा महाकाल से ही होती है। यहाँ आज सुबह 4 बजे अन्नकूट का आयोजन किया गया, जिसमें 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग महाकाल को लगाया गया। आरती में पण्डे पुजारियों व श्रद्धालुओ ने उत्साह के साथ फुलझड़ी जलाई और दीपावाली का जश्न मनाया । यूँ तो बाबा के दरबार में रोज भस्मारती होती हे पर आज की भस्मारती अन्य दिनों कि अपेक्षा कुछ विशेष रही।