शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुरूप इस बार भगवान श्री महाकालेश्वर (बाबा महाकाल) की सवारी और अधिक भव्य रूप में निकाली जाएगी। आगामी 11 जुलाई से पवित्र श्रावण मास की शुरुआत हो रही है। श्रावण-भादो-मास में भगवान श्री महाकालेश्वर की निकलने वाली सवारियों की अलग-अलग थीम होगी और पहली सवारी वैदिक उद्घोष की थीम पर होगी। सावन माह में प्रतिदिन शाम को सांस्कृतिक संध्या भी आयोजित की जाएगी जिसमें प्रसिद्ध कलाकारों की प्रस्तुतियां भी होगी।

14 जुलाई को पहली सवारी

भगवान श्री महाकालेश्वर की पहली सवारी 14 जुलाई, दूसरी सवारी 21 जुलाई, तीसरी सवारी 28 जुलाई, चौथी सवारी 4 अगस्त, पांचवी सवारी 11 अगस्त और राजसी सवारी 18 अगस्त को निकाली जाएगी। प्रथम सवारी में पालकी में श्री मनमहेश, द्वितीय सवारी में पालकी में श्री चंद्रमोलेश्वर और हाथी पर श्री मनमहेश, तृतीय सवारी में पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर हाथी पर श्री मनमहेश और गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव विराजित रहेंगे। 

किस सवारी में किस पालकी में कौन होगा विराजित

इसी तरह चतुर्थ सवारी में पालकी में श्री चंद्रमोलेश्वर हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव और नंदी रथ पर श्री उमा महेश विराजित रहेंगे। पांचवी सवारी में पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव नंदी रथ पर श्री उमा महेश और रथ पर श्री होलकर स्टेट और राजसी सवारी में पालकी में श्री चंद्रमोलेश्वर , हाथी पर श्री मन महेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव नंदी रथ पर श्री उमा महेश, रथ पर श्री होलकर स्टेट और रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद के रूप में भगवान विराजित होंगे। 

सीएम डॉ. मोहन के निर्देश के अनुसार होंगे विशेष आयोजन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश अनुसार इस बार सवारियों में विशेष आयोजन किए जाएंगे। प्रत्येक सवारी की थीम अलग-अलग होगी। प्रथम सवारी वैदिक उद्घोष थीम पर निकाली जाएगी। इस दौरान रामघाट और दत्त अखाड़ा पर बटुकों की ओर से भव्य वैदिक उद्घोष किया जाएगा और बटुकों द्वारा सवारी मार्ग में वैदिक उद्घोष किया जायेगा। इसी के साथ विभिन्न जनजातियों के समूहों द्वारा भगवान श्री महाकाल की सवारी में मनमोहक प्रस्तुती दी जायेगी।

पुलिस बैंड, आर्मी बैंड, होमगार्ड बैंड और निजी बैंड देंगे आकर्षक प्रस्तुति

द्वितीय सवारी में लोक नृत्य की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इसमें लोक नृत्य मटकी नृत्य मध्यप्रदेश, गणगौर नृत्य राजस्थान, बिहू नृत्य आसाम, भवाई नृत्य गुजरात, पुलियाट्म या टाइगर नृत्य कर्नाटक की प्रस्तुति रामघाट पर दी जाएगी। भगवान महाकालेश्वर की तीसरी सवारी में पुलिस बैंड, आर्मी बैंड, होमगार्ड बैंड और निजी बैंड के द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी जाएगी।

पर्यटन की थीम पर निकाली जाएगी झांकियां

भगवान महाकालेश्वर की चतुर्थ सवारी में पर्यटन की थीम पर मांडू के महल, सांची के स्तूप, खजुराहो के शिव मंदिर, देवी अहिल्या किला महेश्वर, भीमबेटका, ग्वालियर का किला, उदयगिरि की गुफाएं, विदिशा बाग की गुफाएं, धार की झांकियां निकाली जाएंगी। 

राजसी सवारी में 70 से अधिक भजन मंडली देंगे प्रस्तुति

भगवान श्री महाकालेश्वर की पंचम सवारी में धार्मिक थीम रहेगी। जिसमें श्री कृष्ण पाथेय और प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों व मंदिरों की झांकी निकाली जाएंगी। साथ ही सवारियों में विभिन्न जिलों के पृथक-पृथक जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति भी दी जाएगी। राजसी सवारी में 70 से अधिक भजन मंडलियों द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। हर साल की तरह इस बार भी श्रावण महोत्सव हर शनिवार को शाम 7:00 बजे से त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय के सभा कक्ष में आयोजित किया जाएगा। 

देशभर से 47 कलाकार समूह प्रस्तुति देंगे

श्री महाकाल महालोक में सावन माह में प्रतिदिन शाम को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी। श्रावण महोत्सव में इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त 13 जुलाई से लेकर 16 अगस्त तक 23 दिवसों में (श्रावण महोत्सव के दिन, सवारी के दिन, नाग पंचमी और 15 अगस्त को छोड़कर) श्री महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या नाम से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इनकी प्रस्तुती श्री महाकाल महालोक परिसर में सप्त ऋषियों की मूर्ति के समीप शाम को 6 बजे से 8 बजे तक दी जाएगी। जिसमें देशभर से 47 कलाकार समूह प्रस्तुति देंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के द्वारा सवारी मार्ग में हर 200-200 मीटर पर पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा पीए सिस्टम और कैमरे भी मंदिर समिति के द्वारा लगाए जाएंगे।