हरियाणा में बड़ी खबर है कि डेरा सच्चा सौदा संस्थापक राम रहीम को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी राहत मिली है. राम रहीम ने कुछ दिन पहले 20 दिन की पैरोल मांगी थी, जिसे मंजूरी मिली है.

बताया जा रहा है कि बाबा राम रहीम को हरियाणा के सिरसा, अंबाला, कुरुक्षेत्र और हिसार जिलों में काफी प्रभाव है, इसलिए हरियाणा चुनाव आयोग ने उनको 20 दिनों की राहत दी है. ध्यान दें कि राम रहीम, जो हरियाणा चुनाव के बीच यौन शोषण और हत्या मामले में 20 साल की सजा काट रहे हैं, हाल ही में सरकार से इमरजेंसी परोल की मांग की है.

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बाबा राम रहीम अब तक 20 साल की सजा में 7 साल काट चुका है, जिसके साथ ही वह इन 7 सालों में 10 बार पैरोल पर बाहर आ चुका है, जिसके पीछे उसका चुनाव से संबंध बताया जा रहा है. अगस्त में 21 दिन की फरलो लेने के बाद फिर से चुनाव के लिए पैरोल की मांग की थी.

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बाबा राम रहीम को पैरोल या फरलो कब-कब मिली?

 24 अक्टूबर 2020: राम रहीम को अपनी मां से मिलने के लिए पहली बार एक दिन की पैरोल मिली.

21 मई 2021: उसे दूसरी बार 12 घंटे की पैरोल मिली. 

  7 फरवरी 2022: डेरा प्रमुख को परिवार से मिलने के लिए 21 दिन की फरलो मिली.

जून 22, 2022: राम रहीम को 30 दिन की पैरोल मिली और उसे यूपी के बागपत आश्रम में भेजा गया.

14 अक्टूबर 2022: राम रहीम को 40 दिन की छठी पैरोल मिली, जिसमें वह बागपत आश्रम में रहा और म्यूजिक वीडियो जारी किए.

21 जनवरी 2023: राम रहीम को छठी बार 40 दिन की पैरोल मिली, जिसमें वह शाह सतनाम सिंह की जयंती में शामिल होने के लिए जेल से बाहर आया.

20 जुलाई 2023: 30 दिन की पैरोल पर सातवीं बार जेल से बाहर आया.

21 नवंबर 2023: राम रहीम को 21 दिन की पैरोल पर बागपत आश्रम भेजा गया. 19 जनवरी 2024: पच्चीस दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आया, जब लोकसभा चुनाव करीब आ गए थे.

13 अगस्त 2024: हाईकोर्ट ने 21 दिन की फरलो को मंजूरी दी, जिससे हरियाणा में विधानसभा चुनाव और यूपी में उपचुनाव नजदीक हैं.

क्या है पैरोल?

 दरअसल, यह फरलो की तरह ही एक छुट्टी है, जिसमें किसी विशेष कारण से जेल से बाहर आने की इजाज़त दी जाती है. अंडरट्रायल कैदियों की स्थिति में, पैरोल भी उपलब्ध है. यह एक छूट है जिसे कस्टडी पैरोल कहते हैं और रेगुलर पैरोल कहते हैं, जिसमें कैदियों को बाहर निकलने का खास कारण बताना होता है, जैसे किसी के परिवार में किसी की मृत्यु होने या मेडिकल कारणों से.

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कस्टली पैरोल कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में जेल से बाहर आने की अनुमति देता है, लेकिन वह पुलिस कस्टडी में ही रहता है. उदाहरण के लिए, एक कैदी को किसी से मिलने की अनुमति मिली है, लेकिन पुलिस उसके साथ रहती है और फिर उसे पुलिस जेल में ले जाती है.

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