संगम नगरी प्रयागराज के महाकुंभ में जहां लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आते हैं, वहीं एक बाबा ऐसे भी हैं जो साइकिल पर अपने आश्रम का रूप बनाकर यहां पहुंचे हैं. बाबा संपत दास रामानुज ब्रह्मचारी, जो बिहार के औरंगाबाद जिले के रहने वाले हैं. महाकुंभ में साइकिल से ही पहुंचे हैं और इसे अपना आश्रम बना लिया है. इस साइकिल पर उन्होंने धर्म ध्वजाएं, धार्मिक झंडे और देवी-देवताओं की तस्वीरें सजा रखी हैं. बाबा का बिस्तर और आसन भी साइकिल के पीछे रखा हुआ है, और इसे पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए अस्थाई पैकिंग की गई है.

बाबा का कहना है कि यह अनोखा सफर उन्हें अपने गुरु भगवान महादेव से प्रेरित होकर साइकिल पर करना शुरू हुआ था. सबसे पहले वह औरंगाबाद से साइकिल से महाकालेश्वर दर्शन के लिए उज्जैन गए और उसके बाद अन्य तीर्थ स्थलों की यात्रा भी की. अब वह प्रयागराज महाकुंभ में संगम की रेती पर धूनी रमाने के लिए पहुंचे हैं.

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इस साइकिल को उन्होंने न केवल धार्मिक कार्यों के लिए, बल्कि यात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए भी इस तरह से तैयार किया है कि रात में वाहन चालक उनकी मौजूदगी को देख सकें. बाबा संपत दास का कहना है कि उनका उद्देश्य महाकुंभ के दौरान लोगों के कल्याण की कामना करना और सनातन धर्म को एकजुट करने का संदेश देना है. इस अनोखे बाबा को महाकुंभ में साइकिल वाले बाबा के नाम से जाना जाता है और लोग उनकी साइकिल के साथ फोटो खींचने और सेल्फी लेने के लिए आकर्षित हो रहे हैं.