पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 (CG Assembly Election 2023) में बाबाओं की एंट्री ने सियासी पारा बढ़ा दिया है. चुनाव में धार्मिक गुरुओं के राजनितिक पार्टियों को समर्थन देने और खुद प्रत्याशी बनने से राष्ट्रीय पार्टियों की चिंता बढ़ा दी है. वहीं गरियाबंद जिले में भी कुछ ऐसा ही माजरा नजर आ रहा है. सिरकट्टी आश्रम के पीठाधीश गोवर्धन शरण व्यास निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे तो वहीं बिंद्रानवागढ़ में भाजपा के बागी नेता और आप प्रत्याशी को बाबा उदयनाथ का साथ मिला है. इससे चुनाव में एक अलग प्रभाव पड़ता दिख रहा है. भाजपा के विचारधाराओं से विचार मिलने वाले बाबाओं ने भाजपा का बीपी बढ़ा दिया है.
राजिम विधान सभा के सिरकट्टी आश्रम में बुधवार को एक बैठक हुई. जहां बाबा के अनुयाई के अलावा भाजपा के अनुसांगिक संगठन के कई पदाधिकारी और समर्थक जुटे थे. तीन घंटे से भी ज्यादा देर तक चली इस बैठक में उनके समर्थकों ने बाबा को चुनाव लड़ने का आग्रह करते रहे. बाबा ने मीडिया से चर्चा में इस बात को स्वीकार करते हुए बताया कि समर्थक आग्रह कर रहे हैं पर मेरा मन नहीं है. यह भी बोले की सनातनी लोगों का आग्रह है, सनातन धर्म को बचाने की जरूरत पड़ी तो चुनाव भी लडूंगा. हालांकि अभी तय नहीं किया गया है. आपको बता दें कि राजिम में अब तक 7 नामांकन फार्म लिया गया है. जिसमें गोवर्धन शरण व्यास का नाम भी सामिल है.
सिरकट्टी आश्रम के पीठाधीश है गोवर्धन शरण, 4 विधानसभा में है पकड़
बता दें कि संत गोवर्धन शरण व्यास साल 2013 में सिरकट्टी आश्रम के पीठाधीश बने. भुनेश्वरी शरण व्यास के साल 2013 में सड़क हादसे में मौत हो जाने के बाद गोवर्धन शरण को आश्रम को मुखिया बनाया गया. गोवर्धन शरण के इस पूरे इलाके अनुयाई है, या यूं कहें आस पास के 4 विधानसभा क्षेत्रों में उनकी अच्छी पकड़ है.
भाजपा के असंतुष्ट नेताओं की बैठक भी इसी आश्रम में होती रही
राजिम विधानसभा में भाजपा ने रोहित साहू को प्रत्याशी बनाया है. जिसके बाद से लगातार असंतुष्ट नेताओं का जमावड़ा इसी आश्रम में होता रहा है. दो दौर के बैठक में तो नाराज बड़े चेहरे भी नजर आए. बाबा के इस कदम के पीछे नाराज भाजपा नेताओं का हाथ बताया जा रहा.
बिंद्रानवागढ़ में बाबा उदय नाथ आप के समर्थन में
विजय दशमी के दिन आम आदमी पार्टी (आप) प्रत्याशी भागीरथी मांझी ने देवभोग में पार्टी कार्यलय का उद्घाटन किया. कार्यालय उद्घाटन में बाबा उदय नाथ भी पहुंचे थे. उनसे पूछे जाने पर इसकी वजह उन्होंने बताया कि भागीरथी मांझी से उनका राजनीतिक रिश्ता नहीं बल्कि वे उनके परिवार के सदस्य के समान हैं, 2005 से वे अलेख महिमा को मान रहे हैं. उनके शिष्य भी हैं. बाबा ने आगे कहा कि उनका आशीर्वाद सभी को है .भाजपा कार्यलय उद्घाटन में भी बाबा उदय नाथ पहुंचे थे. लेकिन कार्यलय उद्घाटन के बहने बाबा द्वारा आप प्रत्याशी का अप्रत्यक्ष समर्थन ने भाजपा का बीपी बढ़ाया हुआ है. बाबा उदय नाथ भी भाजपा से टिकट के दावेदार थे.
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