सत्यपाल राजपूत, रायपुर. एक ओर लगातार राजधानी के बोरवेल फेल हो रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बोरवेल से खतरनाक बैक्टीरिया निकल रहा है. जो लोगों को बीमार नहीं बहुत बीमार कर सकता है. समय पर इलाज नहीं मिलने पर लोगों की जान भी जा सकती है. बता दें कि रायपुर में गर्मी के दिनों में पीलिया और डायरिया की चपेट में आकर लोग हॉस्पिटल पहुंचते हैं. जिसकी शुरुआत हो चुकी है. इसी बीच निगम जांच में जुट गई है. पानी की जांच में खतरनाक बैक्टीरिया की पुष्टि हो रही है.

नगर पालिका निगम के आयुक्त ने बताया कि अब तक सौ से ज्यादा बोरवेल की जांच हम कर चुके हैं. जिसमें हमने इसमें 12 बोरवेल में सर्वाधिक बैक्टीरिया पाया है. जिसे सीधा सील कर दिया गया है. वहीं 20 से ज्यादा बोरवेल हैं जिसका हम ट्रीटमेंट कर रहे हैं. फिर से पीने योग्य बना रहे हैं. यदि 1200-2400 तक ई कोली बैक्टीरिया होते हैं तो ऐसी स्थिति में ट्रीटमेंट करने की संभावना होती है. जिसके बाद पानी फिर से पीने लायक हो हो जाता है. यही ई कोली बैक्टीरिया यदि 2400 से पार होता है तो वैसे जल को ट्रीटमेंट करने की कोई ट्रीट करने से अच्छा रिजल्ट नहीं आता है. इसलिए ऐसे शॉट्स को सीधा सील कर दिया जाता है.

लाभांडी की संकल्प सोसायटी में डायरिया का डर

नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक़ यहां 88 लोग डायरिया से पीड़ित हो चुके हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि सौ से ज़्यादा लोग डायरिया संक्रमित हुए थे. यहां स्थानीय बोर को सील किया गया है. टैंकर से पानी की व्यवस्था की गई. फिर जाकर डायरिया कंट्रोल में आया है. क्योंकि इस सोसायटी के जल स्रोत में भी ई कोली बैक्टीरिया 2400 से पार है.

जल संकट की स्थिति

जिस तरह से बोर फेल हो रहे हैं, बोरवेल को बैक्टीरिया मिलने से सील किया जा रहा है, ऐसी स्थिति में जल संकट दूर नहीं है. इससे निपटने के लिए निगम जल जीवन मिशन को कारगर हथियार बता रहा है. जिस पर अभी काम जारी है.

डायरिया और पीलिया से कैसे बचें लोग ?

कमिश्नर ने कहा जल्द ही अमृत मिशन जल जीवन में 24 घंटे पानी सप्लाई का काम तेजी से चल रहा है. जिन क्षेत्रों में अभी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. वहां तक बहुत तेजी से पहुंचाने के लिए कार्य किया जा रहा है. जिससे राहत मिलेगी.