शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग खराब रिजल्ट देने वाले स्कूलों पर सख्त है। 10वीं-12वीं में पुअर परफॉर्मेंस वाले स्कूलों के प्राचार्य पर गाज गिर सकती है। बोर्ड परीक्षा के खराब परिणाम को लेकर 20 मई को समीक्षा होगी। जिसमें प्रिंसिपल से सवाल पूछा जाएगा कि आखिर रिजल्ट खराब क्यों आया है।

10वीं में 76.42-12वीं में 74.48 प्रतिशत रहा रिजल्ट

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने 6 मई को 10वीं और 12वीं के रिजल्ट जारी किए। एमपी बोर्ड 10वीं की परीक्षा में प्रज्ञा जायसवाल ने टॉप किया। प्रज्ञा को 500 में से 500 अंक मिले। वहीं एमपी बोर्ड 12वीं में सतना की प्रियल द्विवेदी ने टॉप किया है। प्रियल को 500 में से 492 अंक मिले हैं। 10वीं में 76.42 फीसदी, जबकि 12वीं में 74.48 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए।

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टॉप टेन जिले

एमपी बोर्ड रिजल्ट के टॉप 10 जिलों में नरसिंहपुर 91.91, नीमच 86.34, शाजापुर 86.11, मंडला 85.5, सीधी 84.02, शहडोल 83.63, अनूपपुर 83.51, खंडवा 83.28, मंदसौर 83.16, होशंगाबाद 83.06 प्रतिशत रहा है। हाईस्कूल परीक्षा की मेरिट लिस्ट में 212 छात्रों में से 144 लड़कियां हैं। वहीं हायर सेकेंडरी परीक्षा के 159 छात्रों की मेरिट लिस्ट में 89 लड़कियां शामिल हैं।

भोपाल का रिजल्ट खराब

राजधानी भोपाल का इस बार का रिजल्ट बहुत खराब रहा है। 10वीं के रिजल्ट में भोपाल 36वें स्थान और 12वीं के रिजल्ट में 33वें स्थान पर आया। भोपाल के करीब 15 शासकीय स्कूलों का रिजल्ट 50 फीसदी के नीचे रहा।

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फरवरी से मार्च तक आयोजित की गई थी परीक्षा

आपको बता दें कि इस साल एमपी बोर्ड परीक्षा का आयोजन फरवरी से मार्च तक किया गया था। एमपी बोर्ड 10वीं की परीक्षाएं 27 फरवरी से 21 मार्च तक आयोजित की गई थीं। वहीं एमपी बोर्ड कक्षा 12वीं की परीक्षाएं 25 फरवरी से 25 मार्च तक हुई थीं। इस साल साढ़े 9 लाख से ज्यादा छात्रों ने एग्जाम दिया था।

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