Badrinath Dham Closed: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित पवित्र बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार रात विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. इस धार्मिक अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु और मंदिर के हक-हकूकधारी उपस्थित रहे.

सुबह 4:30 बजे बदरीनाथ धाम में अभिषेक पूजा के साथ दिन की शुरुआत हुई. भगवान बदरीनाथ का विशेष श्रृंगार हिमालयी फूलों और तुलसी से किया गया. शाम 6:45 बजे सायंकालीन पूजा के बाद लक्ष्मी माता को गर्भगृह में प्रवेश कराया गया. यह परंपरा बदरीनाथ धाम की विशिष्टता को दर्शाती है, जिसमें मुख्य पुजारी (रावल) अमरनाथ नंबूदरी ने स्त्री वेश धारण कर लक्ष्मी माता को प्रवेश दिलाया.

रात 8:10 बजे शयन आरती संपन्न हुई. इसके बाद कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसमें धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल और वेदपाठी रविंद्र भट्ट व अमित बंदोलिया ने अहम भूमिका निभाई. बदरीनाथ भगवान को माणा गांव की कन्याओं द्वारा तैयार किया गया घृत कंबल ओढ़ाया गया. रात 9:07 बजे भगवान बदरीनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए, और मंदिर में अखंड ज्योति प्रज्वलित की गई.

इस अवसर पर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, कोटद्वार विधायक दिलीप रावत, ज्योतिर्मठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, बीकेटीसी के सीईओ विजय प्रसाद थपलियाल, जिलाधिकारी संदीप तिवारी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे.

अब भगवान बदरीनाथ की पूजा जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में शीतकाल के दौरान संपन्न होगी. श्रद्धालुओं को अगले वर्ष कपाट खुलने तक यहां दर्शन की प्रतीक्षा करनी होगी.