The clan of white tigers increased in CG: सफेद बाघों के लिए देश में मशहूर प्लांट भिलाई स्टील प्लांट के अधीनस्थ रूस और भारत की दोस्ती के प्रतीक मैत्री बाग से एक अच्छी खबर आई है. वैसे तो देश में सफेद बाघों की संख्या लगातार कम हो रही है, लेकिन पिछले डेढ़ महीने पहले भिलाई के मैत्री बाग में एक साथ 3 सफेद बाघों ने जन्म लिया है. रविवार को पहली बार तीन शावकों को बाहर निकाला गया.

तीन छोटे बाघ सुल्तान और रक्षा के बच्चे हैं. रक्षा ने इन शावकों को 28 अप्रैल को जन्म दिया था. डेढ़ महीने तक शावकों को विशेष देखरेख में रखा गया और जब सब कुछ बेहतर और उचित पाया गया तो युवा शावकों को उनकी मां रक्षा के साथ पिंजरे में रखा गया. अब आम पर्यटक भी इन्हें देख सकेंगे. मैत्री गार्डन के पिंजरा नंबर-7 में सफेद बाघ के तीन शावक अपनी मां के साथ अंधेरे कमरे में पिंजरे में घूम रहे हैं.

देश में सबसे ज्यादा व्हाइट टाइगर यहीं से निकले

लंबे समय बाद मैत्रीबाग में सफेद बाघ के शावक देखे जा रहे हैं. मैत्री बाग में आखिरी बार 2022 में शावकों की चहचहाहट गूंजी और नन्हे मेहमान ने मैत्री बाग में कदम रखा. यह पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना रहेगा.

भारत के लगभग आधे सफेद बाघ भिलाई के मैत्रीबाग की देन हैं. सुल्तान और रोमा सहित देश के अधिकांश चिड़ियाघर राक्षस के वंशज हैं. अब मैत्री गार्डन में सफेद शेरों की कुल संख्या 09 हो गई है.

गर्मी से बचाव के लिए विशेष इंतजाम

मैत्री बाग की शुरुआत 1972 में सोवियत रूस और भारत के बीच दोस्ती के प्रतीक के रूप में हुई थी. इस समय राज्य में भीषण गर्मी पड़ रही है. इसलिए मैत्रीबाग के पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए प्रबंधन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं. पशुओं के लिए ठंडे पानी के फव्वारे की व्यवस्था की गई है.

गर्मी के मौसम में बाघों को कोई परेशानी न हो, इसका भी खास ख्याल रखा जा रहा है. बाघ के पिंजरे के अंदर पानी का तालाब बनाया गया है. इतना ही नहीं उन्हें दिन में 6 से 7 बार ठंडे पानी के फव्वारे भी दिए जा रहे हैं.

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