कुमार इंदर, जबलपुर। अयोध्या राम जन्मभूमि जमीन खरीदी में घोटाले की जांच के लिए अब हनुमान भगवान से गुहार लगाई है। इसके लिए हनुमानजी को ज्ञापन भी सौंपा है और उनसे दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
बजरंगबली को सौंपा ज्ञापन
दरअसल, पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत आज यानी 15 जून को रामलला मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने बजरंगबली के दर्शन के दौरान उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें राममंदिर जमीन घोटाला मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही गई है। यह ज्ञापन तरुण भनोत ने हनुमानजी के चरणों में रखकर उसने घोटालाबाजों को सजा देने का अनुरोध किया।
रामलला करेंगे चंदे की रक्षा
वहीं मंदिर से बाहर निकलने के बाद पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि रामलला खुद राम मंदिर निर्माण के लिए एकत्रित चंदे की रक्षा करेंगे। कांग्रेस का कहना है कि केंद्र के दवाब में एजेंसी पूरी निष्पक्षता से मामले की जांच नहीं पाएगी, इसलिए हनुमानजी खुद इस घोटाले से पर्दा फाश करेंगे।
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यह है पूरा मामला
प्रभु श्रीराम के नाम पर राममंदिर ट्रस्ट पर करोड़ों के घोटाले का आरोप लगा है। आरोप है कि मंदिर ट्रस्ट ने 2 करोड़ की जमीन को 18 करोड़ में खरीदा है। यह बात प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अयोध्या के पूर्व विधायक और मंत्री तेज नारायण पांडे तथा राज्यसभा सांसद और आप नेता संजय सिंह ने जनता के सामने रखी थी।
2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ में खरीदी?
इसके प्रमाण पेश करते हुए उन्होंने बताया था कि अयोध्या की इस जमीन को 2 करोड़ रुपये में कुसुम पाठक और हरीश पाठक से सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने खरीदा। इस जमीन खरीद में 2 गवाह बने, एक अनिल मिश्र को श्री राम जन्मभूमि न्यास ट्रस्ट के सदस्य हैं और दूसरे ऋषिकेश उपाध्याय जो अयोध्या के मेयर हैं।
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5 मिनट में बढ़ गई जमीन की कीमत
आरोप है कि दस मिनट बाद यही जमीन रामजन्मभूमि ट्रस्ट ने साढ़े 18 करोड़ में खरीद ली। 17 करोड़ रुपये आरटीजीएस कर दिया गया। साढ़े 5 लाख रुपये प्रति सेकेंड की दर से जमीन का दाम बढ़ गया।
चंपत राय का बयान
वहीं इस पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था ‘हम पर महात्मा गांधी के हत्या के भी आरोप लगे हैं। हम आरोपों से नहीं डरते, जो आरोप लगे हैं उसका मैं स्टडी करूंगा।
चंपत राय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हम 100 साल से आरोप झेलते रहे हैं। महात्मा गांधी की हत्या के आरोप भी हम पर लगे हैं। हम आरोपों की चिंता नहीं करते और इसकी चिंता मीडिया भी ना करें।
बता दें कि घोटाले के उजागर होने के बाद से ही सियासी बयानबाजी के दौर भी शुरू हो चुका है। ट्वीटर से लेकर हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
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