नीरज काकोटिया, बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में सोनेवानी अभयारण्य के लालबर्रा वन परिक्षेत्र अंतर्गत बहियाटीकुर बीट की नहर में जुलाई-अगस्त माह में मिले एक मादा बाघ के शव को चोरी-छिपे बिना प्रोटोकॉल के जलाने के मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। प्रदेश सरकार ने दक्षिण वन मंडल सामान्य के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) अधर गुप्ता के खिलाफ चार्जशीट जारी कर दी है। इस चार्जशीट में डीएफओ पर वन्यजीवों की सुरक्षा में समुचित प्रबंध न करने के साथ-साथ तीन अन्य गंभीर आरोप लगाए गए हैं। 

READ MORE: सिवनी हवाला लूटकांड: 11 पुलिसकर्मियों की जमानत याचिका खारिज, सभी दोषियों को भेजा गया जेल   

चार्जशीट के अनुसार, बाघ के शव को उच्च अधिकारियों की जानकारी के बिना गुप्त रूप से नष्ट कर दिया गया, जिससे मौत के कारणों की जांच संभव नहीं हो सकी। मामले का खुलासा सोशल मीडिया, खासकर व्हाट्सएप ग्रुप पर शव की फोटो वायरल होने के बाद हुआ था। इसके बाद वन विभाग ने छह सुरक्षा श्रमिकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन मुख्य आरोपी डिप्टी रेंजर टीकाराम हनोते और वनपाल हिमांशु घोरमारे फरार हो गए। दोनों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है और अब एसटीएफ (स्टेट टाइगर टास्क फोर्स) उनकी तलाश में जुटी हुई है।

READ MORE: संदिग्ध परिस्थितियों में युवती की मौत: रेलिंग पर फंदे से लटकी मिली लाश, सुसाइड या कुछ और… जांच में जुटी पुलिस 

डीएफओ अधर गुप्ता को इन आरोपों का जवाब 15 दिनों के भीतर देना होगा। यदि वे संतोषजनक उत्तर नहीं देते, तो आगे की विभागीय कार्रवाई हो सकती है। वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने इस मामले को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) तक पहुंचाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, “यह घटना वन विभाग की सांठगांठ को उजागर करती है। बाघ के पंजे गायब होने और शव को तीन जगहों पर जलाने की आशंका से शिकार का संदेह और गहरा गया है। 

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H