बालकोनगर. मेसर्स भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) में पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु लोक सुनवाई सोमवार को संपन्न हुई. बालको के चोटिया-2 कैप्टिव कोल माइनिंग प्रोजेक्ट 0.25 एमटीपीए (भूमिगत खदान) से 1.0 एमटीपीए (ओपन कास्ट एवं भूमिगत खदान), लीज एरिया 316.826 हेक्टेयर के लिए भुजंगकछार स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला परिसर में सुनवाई रखी गई. जिसमें क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों, खदान में कार्यरत श्रमिकों और स्थानीय नागरिकों ने चोटिया में बालको की कोल उत्पादन क्षमता बढ़ाए जाने का पुरजोर समर्थन किया. पर्यावरण, रोजगार एवं अनेक स्थानीय मुद्दों पर नागरिकों ने रचनात्मक सुझाव दिए जिस पर बालको प्रबंधन ने सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया.

लोक सुनवाई की पीठासीन अधिकारी कोरबा की अपर कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया ने कार्रवाई का संचालन किया. क्षेत्रीय अधिकारी, पर्यावरण संरक्षण मंडल आर.पी. शिंदे लोक सुनवाई में मौजूद रहे. बालको के खान सह उपाध्यक्ष अफरोज अली द्वारा कोल माइनिंग संबंधी संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. बालको के खान सह महाप्रबंधक राजीव कुमार, औद्योगिक स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण प्रमुख कृष्णा वी.कुलकर्णी, पर्यावरण प्रमुख अजय शर्मा, कंपनी संवाद एवं सी.एस.आर. प्रमुख आशीष रंजन, सलाहकार बी.के.श्रीवास्तव सहित अनेक बालको अधिकारी मौजूद थे.

पर्यावरणीय लोक सुनवाई में स्थानीय जन प्रतिनिधि बाबा खान ने कहा कि हम स्थानीय विकास संबंधी मांगें बालको प्रबंधन तक पहुंचाएं. उन्होंने विश्वास जताया कि चोटिया क्षेत्र के नागरिकों के लिए बालको द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन आदि संबंधी कार्य पूरी तत्परता से किए जाएंगे.

चोटिया के डॉ. टी.एल. साव ने कहा कि बालको जैसी बड़ी कंपनी का क्षेत्र में काम करना स्थानीय नागरिकों के लिए हर्ष का विषय है. उन्होंने बताया कि सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अंतर्गत बालको द्वारा लालपुर एवं सलाईगोट में नियमित रूप से स्वास्थ्य शिविर संचालित किए जाते हैं. उन्होंने चोटिया कोल माइंस के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया. इस दौरान क्षेत्र के गणमान्यजनों सहित बड़ी संख्या में नागरिकों ने शिक्षा, आधारभूत संरचना विकास, स्वास्थ्य, महिला स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण आदि की दिशा में रचनात्मक सुझाव देते हुए कहा कि स्थानीय नागरिक बालको के साथ मिलकर विकास को गति देने के पक्ष में हैं. नागरिकों ने कहा कि खदान खुलने से विकास होता है. खदान का प्रचालन बंद होने से स्थानीय युवा बेरोजगार हैं. बालको के चोटिया कोयला खान में जल्द काम प्रारंभ हो.

बालको के सह उपाध्यक्ष अफरोज अली ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि बालको अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति सजग औद्योगक संगठन है. चोटिया खदान में नियमित रोजगार की उपलब्धता तथा अच्छी मजदूरी एवं अन्य सुविधाओं के कारण नागरिकों के सामाजिक-आर्थिक स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है. यह प्रगति जारी रहेगी. उन्होंने बताया कि सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अंतर्गत चोटिया में बालको द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य केंद्र संचालित किया जा रहा है. इसके साथ ही 24 घंटे एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन एवं दवाइयों का निःशुल्क वितरण किया जाता है. स्थानीय नागरिकों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं.

अली ने यह भी बताया कि बालको की प्रस्तावित परियोजना से शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, आधारभूत संरचना विकास, वनीकरण, पेयजल आपूर्ति आदि में बढ़ोत्तरी होगी. मौजूदा सड़कों की मरम्मत होगी. आवश्यकतानुसार सड़कों का निर्माण किया जाएगा. खदान संचालन के फलस्वरूप बालको की ओर से जिला खनिज न्यास में लगभग 185 लाख रुपए का योगदान दिया जाएगा. इसके अलावा कर एवं रॉयल्टी के रूप में शासन को लगभग 400 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे.

पर्यावरणीय दुष्प्रभाव कम करने की दिशा में खान से रिसाव जल का उपयोग ग्रीट बेल्ट, डस्ट सप्रेशन एवं वानिकी में किया जाएगा। इससे भूमिगत एवं सतही जल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बारिश के दिनों में नालियों के माध्यम से जल प्रवाह को परिवर्तित किया जाएगा जिससें सतही जल प्रदूषित न हो. खनन गतिविधियों के कारण उत्पन्न धूल को तत्कालिक बिंदु स्रोत में ही नियंत्रित किया जाएगा. वाहनों के संचालन से उत्पन्न धूल को वाटर टैंकर एवं स्प्रिंकिलर द्वारा नियंत्रित किया जाएगा. ध्वनि स्तर को कम करने के लिए खनन पट्टा क्षेत्र, ओव्हर बर्डन डंप तथा अन्य क्षेत्रों में सघन हरित पट्टिका तैयार की जाएगी.