सुरज गुप्ता, बलरामपुर। बलरामपुर जिले का नवनिर्मित जिला चिकित्सालय की छत पहली ही बारिश में टपकने लगी है. इस दुर्गम क्षेत्र में अस्पताल को लेकर काफी उम्मीदें थीं. लेकिन पहली ही बारिश में ये उम्मीदें दम तोड़ने लगी हैं.

कहने को निर्माण कार्य लगभग पूर्ण होने को है. भवन हैण्डओवर करने की स्थिति में है. लेकिन बारिश में छतों से पानी टपकना शुरू हो गया है. महंगे-महंगे टाईल्स जमीन में धंसने शुरू हो गए हैं.  दिवारों पर दरारें साफ-साफ दिखने लगी हैं.

लगभग 12 करोड़ की लागत से 100 बिस्तर जिला चिकित्सालय का निर्माण कार्य लगभग 2 साल बीत जाने के बाद भी  पूरी तरह नहीं हो पाया है. जिसके चलते इसकी लागत दो साल में बढ़कर 15 करोड़ हो गई है.

 

ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है, कि किस कदर स्वीकृत की राषि का बंदर बाट हुआ होगा। आज जिलेवासियों का जिला चिकित्सालय पूरी तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है।

 

मामले में कलेक्टर अवनीष कुमार शरण ने कहा-

”मैंने पी.डब्ल्यू.डी. के ई.ई. को सुधार के लिये जल्द से जल्द शख्त निर्देष दिये हैं। 15 दिवस के भीतर सारी कमियों को दूर करने कहा है। इस अवस्था में बिल्डिंग हैण्डओवर नहीं ली जायेगी।”