राकेश चतुर्वेदी,भोपाल/कपिल शर्मा,हरदा। केंद्र सरकार की तरफ से गेहूं निर्यात पर रोक से मप्र में बड़ा साइड इफेक्ट देखने को मिला है. मध्य प्रदेश की सबसे अधिक गेहूं की खेप बंदरगाहों पर अटक गई है. बंदरगाहों पर गेहूं से लदे देशभर के 7 हजार ट्रक खड़े हैं. इनमें से सबसे अधिक 4 हजार ट्रक गेहूं मध्य प्रदेश का है. मध्य प्रदेश से रवाना रेलवे ट्रैक का माल भी अटका हुआ है. भोपाल अनाज मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश ज्ञानचंदानी का कहना है कि ट्रकों के साथ ट्रेन की रेक अटकी है. एक ट्रक में औसत 27 हजार क्विंटल गेहूं है. ट्रक में भरे मप्र के गेहूं की कीमत 300 करोड़ से अधिक है. रेट सहित गेहूं की कीमत 500 से 600 करोड़ है. वहीं दूसरी ओर गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध से व्यापारियों में रोष है.

व्यापारी महासंघ ने पीएम को लिखा खत

इधर सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिति ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. पत्र में लिखा कांडला और मुंबई पोर्ट पर अटका गेंहू 7 हजार ट्रक में से 4 हजार ट्रक मप्र के व्यापरियों का है. गेंहू अटकने से प्रदेश का व्यापारी बर्बाद हो जाएगा. माल की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण मंडियों में देनदारी बढ़ेगी. 13 मई को जारी हुए आदेश पर रोक लगाई जाए.

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कॉमर्स मिनिस्ट्री विचार कर रही- कृषि मंत्री

गेहूं के निर्यात पर रोक के बाद बंदरगाहों पर अटके गेहूं को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि कॉमर्स मिनिस्ट्री विचार कर रही है. देश में गेहूं की कमी नहीं मोदी सरकार ने फैसला देश के हित में लिया है. इससे उपभोक्ता पर पड़ने वाला भार नियंत्रण होगा. बंदरगाहों पर अटके गेहूं के संबंध में कॉमर्स मिनिस्ट्री विचार कर रही है.

गेहूं के निर्यात प्रतिबंध से व्यापारियों में रोष

हरदा जिले में केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के कारण मंडी व्यापारियों में नाराजगी है. मध्यप्रदेश सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ ने केंद्र सरकार के इस निर्णय को लेकर प्रदेश की सभी मंडियों में 17 और 18 मई को नीलामी कार्य में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है. व्यापारी महासंघ के निर्णय के बाद मंडी सचिव संजीव श्रीवास्तव ने जिले के सभी किसानों से नीलामी कार्य नहीं होने के चलते अपनी उपज मंडी प्रांगण में नहीं लाने की अपील की है.

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बंदरगाह और अन्य स्थानों पर हजारों ट्रक फंसे

गौरतलब है कि 14 मई को महीने का दूसरा शनिवार, 15 को रविवार का अवकाश और 16 मई को बुद्ध पूर्णिमा की छुट्टी होने से लगातार तीन दिनों से मंडी बंद थी. वहीं अब अगले दो दिनों में नीलामी नहीं होने से मंडी लगातार पांच दिनों के लिए बंद रहेगी. केंद्र सरकार द्वारा निर्यात पर रोक लगाने के कारण कांडला बंदरगाह व अन्य स्थानों पर हजारों ट्रक फंसे पड़े है. एक्सपोर्ट करने वाली कम्पनियां माल नहीं उठा रही है. जिससे अनिश्चितता की स्थित बन गई है. आज सरकार द्वारा कुछ निर्णय लिया जाएगा उसके बाद ही स्थित साफ हो पाएगी.

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गेहूं के निर्यात पर हटाया जाए प्रतिबंध

व्यापारी संघ के संरक्षक अशोक कुमार सादानी ने बताया कि भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर अचानक प्रतिबंध लगा दिया है. जिससे व्यापारियों को बड़ा नुकसान होगा. साथ ही किसानों को भी नुकसान होगा, जो माल पहले मंडी में 2100 से 2300 तक बिक रहा था अब वो 1800 से 1900 तक ही बिकेगाय उन्होंने बताया कि कांडला बंदरगाह पर करीब हजारों गेहूं से भरे ट्रक खड़े हैं. उनका अनुबंध भारत सरकार ने 14 मई को गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है. जिससे व्यापार की स्थिति बहुत ही चिंताजनक हो गई है.

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