कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने MPPSC प्री एग्जाम-2025 के रिजल्ट बिना अनुमति घोषित करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने आरक्षित वर्ग द्वारा छूट लेने पर मेरिट के आधार पर अनारक्षित वर्ग में चयन से रोकने वाले कानून के संवैधानिकता को चुनौती देने के मामले में कोर्ट द्वारा यह निर्णय लिया गया है। माननीय न्यायालय ने सामान्य प्रशासन विभाग तथा आयोग से 15 दिन के अंदर जवाब तलब किया है। यह सुनवाई चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने की। 

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राज्य सरकार और आयोग से 15 दिन के अंदर मांगा जवाब   

जानकारी के मुताबिक, भोपाल की ममता देहरिया ने राज्य सेवा परीक्षा-2025 में भाग लिया था। अभ्यर्थी ने परीक्षा फॉर्म जमा करने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मध्य प्रदेश राज्य सेवा भर्ती परीक्षा नियम-2015 के कुछ नियमों और प्रावधानों को असंवैधानिक बताया था।  मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और आयोग से 15 दिन के अंदर जवाब भी मांगा गया है। इस याचिका पर अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी। 

 2015 तथा PSC के विज्ञापन की संवैधानिकता को चुनौती 

दायर याचिका में कहा गया था कि रिजर्व वर्ग के कैंडिडेट को मेरिट में आने पर भी जनरल कोटे में चयन नहीं नहीं किया जा रहा है। ऐसे कानून को रोकने वाले कानून के संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। आरक्षित वर्ग को लाभ लेने से वंचित करने का कानून बनाने विधायिका को अधिकार नहीं है। राज्य सेवा भर्ती नियम 2015 तथा PSC के विज्ञापन की संवैधानिकता को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।  

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