Violence Against Hindu in Bangladesh: बांग्लादेश की मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) सरकार ने शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद हिंदुओं के खिलाफ हुए हिंसा को ‘सांप्रदायिक’ (Communal) मानने से इंकर कर दिया है। यूनुस सरकार (Yunus Government)ने हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा को राजनीतिक बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया। बांग्लादेश सरकार ने पुलिस रिपोर्ट के हवाले से कहा कि पिछले साल 4 अगस्त के बाद से अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अधिकांश घटनाएं ‘राजनीतिक प्रकृति’ की थीं, न कि ‘सांप्रदायिक’। पुलिस ने सांप्रदायिक हिंसा की शिकायतों के लिए एक व्हॉट्सएप नंबर जारी किया है।
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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमले और बर्बरता की कुल 1,769 घटनाएं दर्ज की गईं। पुलिस जांच में पाया गया कि इनमें से 1,234 घटनाएं ‘राजनीतिक प्रकृति’ की थीं और सिर्फ 20 घटनाएं सांप्रदायिक थीं।
बांग्लादेश सरकार ने शनिवार को पुलिस की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि देश में चार अगस्त 2024 के बाद अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और बर्बरता की ज्यादातर घटनाएं “सांप्रदायिक नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रकृति की थीं। मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की प्रेस विंग ने यहां कहा कि पुलिस जांच ‘बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद’ द्वारा हाल ही में दावा किए जाने के बाद हुई है कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के 5 अगस्त को देश छोड़ने से एक दिन पहले सांप्रदायिक हिंसा की 2,010 घटनाएं हुई थीं। इन घटनाओं में से 1,769 हमले और तोड़फोड़ से जुड़ी हुई थीं, पुलिस ने दावों के आधार पर अब तक कुल 62 मामले दर्ज किए हैं और जांच के आधार पर कम से कम 35 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
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1,769 में से सिर्फ 20 घटनाएं सांप्रदायिक: बांग्लादेश
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इनमें से कुल 1,769 घटनाएं हमलों और बर्बरता के रूप में दर्ज की गईं। पुलिस ने दावों के आधार पर अब तक 62 मामले दर्ज किए हैं और जांच के आधार पर कम से कम 35 दोषियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में पाया गया कि 1,234 घटनाएं ‘राजनीतिक प्रकृति’ की थीं, 20 घटनाएं सांप्रदायिक थीं और कम से कम 161 दावे झूठे या असत्य पाए गए।
‘बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद’ के दावों के अनुसार, 1,452 घटनाएं- या कुल दावों का 82.8 प्रतिशत- 5 अगस्त, 2024 को हुईं, जब हसीना को सत्ता से बेदखल किया गया था। 4 अगस्त को कम से कम 65 घटनाएं और 6 अगस्त को 70 घटनाएं हुईं। पुलिस को 5 अगस्त से 8 जनवरी, 2025 तक सांप्रदायिक हिंसा के 134 शिकायतें मिलीं। पुलिस ने उन सभी शिकायतों का अत्यंत महत्व के साथ जवाब दिया.। कम से कम 53 मामले दर्ज किए गए और 65 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।
भारत ने बांग्लादेश की घटनाओं पर जताई थी चिंता
बता दें कि बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद हिंदू समेत अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़क गई थी। कट्टरपंथी मुस्लिमों ने विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ जमकर उत्पात मचाया है। कट्टरपंथियों ने 350 से अधिक मंदिरों को जला दिया था या फिर लूटपाट की थी। हिंदुओं के घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को लूटने के बाद तोड़ दिया गया था।
इसी बीच देशद्रोह के आरोप में हिंदू संत चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी ने भारत की चिंताओं को और बढ़ा दिया, जिससे विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दिसंबर में अपनी ढाका यात्रा के दौरान वहां की अंतरिम सरकार को अवगत कराया था। मिस्री की यात्रा से पहले, अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस ने 5 दिसंबर को हिंदुओं पर हमलों की खबरों के बीच अल्पसंख्यकों पर हमलों के बारे में सटीक जानकारी इकट्ठा करने और अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए धार्मिक नेताओं से सहयोग मांगा था
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