अजय गुप्ता, कोरिया. जिले में लंबे अरसे से ऐसे कई लोग निवास कर रहे हैं, जिनके गलत तरीके से आधार कार्ड भी बना दिये गये हैं. जिले मेें ऐसे लोगों की संख्या हजारों में हैं, लेकिन इसके बावजूद भी राजनीतिक लाभ के लिये कोई भी दल ऐसे लोगों का विरोध नहीं करता. जिन लोगों ने गलत तरीके से अपने आधार कार्ड बनाकर देश की कानून व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर रहा है.
कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ समेत आसपास के कोयलांचल क्षेत्र में बंग्लादेशी लोग लंबे अरसे से निवास कर रहे हैं. ये लोग धीरे धीरे बहुसंख्यक हो रहे हैं. और तो और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने अपने राजनीतिक लाभ के लिये बिना किसी वैध दस्तावेजों के ऐसे लोगों का आधार कार्ड भी बनवा दिया है. जिससे अब वे सरकार द्वारा दी जाने वाले सारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं.
ज्ञात हो कि असम सरकार बाहर से आये बंग्लादेशियों से 1971 से पहले का रिकार्ड मांग रही है, जिससे यह सिद्ध हो सके कि वे भारत के मूल निवासी है. किन्तु छत्तीसगढ़ में इस तरह का कोई कानून न होने से ऐसे लोग जिनके पास इस देश की नागरिकता से जुड़े मूल दस्तावेज तक नहीं है. वे बेखौफ होकर कोरिया जिले में रह रहे हैं, और इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं.
यह आरोप जिले के आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने लगाया है. राजकुमार मिश्रा ने इस मामले को लेकर जिले के एसपी से शिकायत करने की बात कह रहे है.
राजकुमार ने शासन प्रशासन से सवाल किया है कि जो बंग्लादेशी लंबे समय से भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का नाजायज लाभ उठा रहे हैं, मतलब साफ है कि वहां बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक, भारतीय नागरिक बनकर रह रहे हैं. उन पर अंकुश कैसे लगेगा. जिस तेजी से ऐसे लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है और हो रहा है उसके गंभीर और दूरगामी परिणाम होंगे।
उनकी पहचान कैसे होगी और सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस मामले को लेकर कौन सा राजनैतिक दल आगे आयेगा. क्योंकि कुछ समय बाद ही छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.