Benefits of wearing oyster bangle : सनातन धर्म में सुहागिन महिलाओं के द्वारा किए जाने वाले श्रृंगार में सिंदूर, पायल, बिछिया और मंगलसूत्र आदि के साथ हाथों में कांच की चूड़ियां पहनना भी बेहद अहम माना जाता है. हाथों में चूड़ी पहनने की परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है.
वहीं हिंदू धर्म में देवियों की मूर्तियों में उन्हें चुड़ी पहने हुए ही दर्शाया गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर सुहागिन महिलाओं को चूड़ियां पहनना इतना जरूरी क्यों माना जाता है.खासकर सीप की चूड़ियों क्यों शुभ मानी जाती है. आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे कि सीप की चूड़ियां पहनने के क्या लाभ है.
सीप की चूड़ी पहनने के लाभ (Benefits of wearing oyster bangle)
सीप की चूड़ी का संबंध माता लक्ष्मी से है. सीप धन की देवी माता लक्ष्मी का प्रतीक है. इसे पहनने से पति को कभी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है और महिलाओं का चंद्र ग्रह मजबूत होता है. साथ ही जिस भी घर में महिलाएं सीप की चूड़ियां पहनती हैं, उस घर में कभी भी आर्थिक परेशानियां नहीं आती है. शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसलिए सीप की चूड़ियां खासकर पहनना चाहिए.
सुहाग का प्रतीक है चूड़ियां(Benefits of wearing oyster bangle)
सुहागिन महिलाओं को चूड़ियां अवश्य पहनना चाहिए. इससे पति की आयु बढ़ती है. इसे 16 श्रृंगार में से एक माना जाता है. यही कारण है कि मां दुर्गा को श्रंगार के सामान चढ़ाएं जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि चूड़ियों का दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है. इससे बुधदेव का आशीर्वाद मिलता है और सुहागिन महिलाओं को पुण्यफल की प्राप्ति हो सकती है.वहीं वास्तु शास्त्र के अनुसार चूड़ियों की खनखन से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है.
स्वास्थ्य के लिए शुभ फलदायी हैं सीप की चूड़ियां
हाथ में सीप की चूड़ियां पहनने से महिलाओं का मन शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है. अगर कोई महिला मानसिक रूप से परेशान है, तो उसे सीप की चूड़ियां जरूर पहनना चाहिए. चूड़ियों के आपस में टकराने से शरीर में एनर्जी बनी रहती है और सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है. सीप की चूड़ियां पहनना बहुत शुभ माना जाता है. सीप की चूड़ियां पहनने से हृदय संबंधित बीमारियां दूर हो सकती है. ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन समय में महिलाएं सीप की चूड़ियां पहनती थी. यह स्वास्थ्य के साथ-साथ बहुत आरमदायी होता है. इसलिए सीप की चूड़ियां विशेष रूप से पहनें.
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