मुंबई. कई लोग ज्वैलरी, प्रॉपर्टी के कागजात, वसीयत आदि जैसी चीजों की सुरक्षा के लिए उन्हें बैंक के सेफ डिपॉजिट लॉकर (Bank Locker) में रखते हैं. रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के मुताबिक, लॉकर के मामले में भी व्यक्ति नॉमिनी नियुक्त कर सकता है. यानी लॉकर खोलने वाले की मृत्यु के बाद नॉमिनी चाहे तो लॉकर को आगे जारी रख इस्तेमाल कर सकता है. आइए जानते हैं बैंक लॉकर के मामले में नॉमिनी के लिए RBI के नियम और क्या कहते हैं.
अगर लॉकर धारक अपने लॉकर के लिए नॉमिनी नियुक्त करता है तो बैंक को लॉकर धारक की मौत के बाद उस नॉमिनी को लॉकर एक्सेस करने और उसका सामान निकालने का अधिकार देना होगा. नॉमिनी चाहे तो बैंक लॉकर जारी रख सकता है या फिर उसकी चीजें निकालकर उसे बंद कर सकता है.
नॉमिनी को लॉकर का इस्तेमाल करने के लिए बैंक को जरूरी दस्तावेजों के साथ एक आवेदन देना होगा.
अगर लॉकर ज्वॉइंट में खोला गया है और खुलवाने वाले में से किसी एक ने या दोनों ने नॉमिनी नियुक्त किया है तो लॉकर धारकों में से किसी एक की मौत होने पर नॉमिनी दूसरे लॉकर धारक के साथ लॉकर एक्सेस करने का हक रखता है. हालांकि बैंक अपनी तरफ से पूरी छानबीन करने के लिए मुक्त हैं.
अगर लॉकर धारक या धारकों ने कोई नॉमिनी नहीं बनाया है तो बैंकों को निर्देश है कि वे लॉकर धारकों के कानूनी सलाहकार के साथ सलाह-मशविरा कर लॉकर की एक्सेस लॉकर धारकों के कानूनन उत्तराधिकारी या प्रतिनिधि को दें.
अगर नॉमिनी या कानूनन उत्तराधिकारी लॉकर को आगे जारी रखना चाहता है तो इसके लिए नया कॉन्ट्रैक्ट बनेगा.
बैंकों को यह भी निर्देश है कि वे लॉकर को नॉमिनी को देते वक्त उसकी चीजें खोलकर नहीं देख सकते.