Banking Charges: 2018 के बाद से पिछले 5 वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी बैंकों ने अपने खाताधारकों से खातों में न्यूनतम शेष राशि न रखने, अतिरिक्त एटीएम लेनदेन और एसएमएस सेवाओं के नाम पर पेनल्टी चार्ज के नाम पर 35,587 करोड़ रुपये वसूले हैं. यह जानकारी खुद सरकार ने संसद में दी है.

प्रश्नकाल के दौरान राज्यसभा सांसद अमी याग्निक द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा कि बैंक खातों में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने पर बैंकों ने अधिकतम जुर्माना वसूला है. बैंकों ने 2018 के बाद मिनिमम बैलेंस न रखने पर 21,044.04 करोड़ रुपये की वसूली की है.

एटीएम पर खाताधारकों के तय मुफ्त लेनदेन के अलावा अतिरिक्त लेनदेन करने पर 8289.32 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। वहीं, एसएमएस सेवाएं मुहैया कराने के एवज में बैंकों ने 6254.32 करोड़ रुपये की वसूली की है.

जब से वित्त मंत्री से पूछा गया कि क्या सरकार ने बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले सेवा शुल्क पर संज्ञान लिया है जो गरीबों के लिए वहन करने योग्य नहीं है और सरकार ने बैंकों के सेवा शुल्क को विनियमित करने के लिए क्या किया है? तो इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार और आरबीआई ने देश के गरीब तबके के लिए बैंकिंग सेवाओं को किफायती बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं.

बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (बीएसबीडीए) जिसमें प्रधान मंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए खातों पर कोई शुल्क नहीं लगाया जाता है और इन खातों में न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने की कोई आवश्यकता नहीं है.

भागवत कराड ने कहा कि 1 जुलाई 2015 को बैंक में ग्राहक सेवाओं के संबंध में आरबीआई के मास्टर सर्कुलर में कहा गया है कि बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के तहत बैंकों को खातों में न्यूनतम शेष राशि नहीं रखने पर जुर्माना वसूलने की अनुमति है. लेकिन यह जुर्माना उचित होना चाहिए.

10 जून 2021 को आरबीआई ने अपने सर्कुलर में कहा था कि बैंक ग्राहक अपने बैंक के एटीएम से हर महीने पांच ट्रांजैक्शन मुफ्त कर सकते हैं. इसके अलावा अन्य बैंकों के एटीएम से मेट्रो शहरों में 3 और गैर-मेट्रो शहरों में 5 मुफ्त लेनदेन की अनुमति है. इसके अलावा 1 जनवरी 2022 से प्रत्येक अतिरिक्त एटीएम लेनदेन पर 21 रुपये का ग्राहक शुल्क लगेगा.

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