मगरलोड. जिले में गुरूवार को बैंक प्रबंधन का अमानवीय चेहरा सामने आया है. यहां बैंक प्रबंधन ने एक किसान परिवार को खाताधारक के आने पर ही भुगतान करने का फरमान सुना दिया. जबकि खाताधारक किसान चल फिर भी नहीं सकता है. क्योंकि किसान पिछले कई महिनों से अस्पताल में भर्ती है और अपना इलाज करा रहा है.
ऐसे में बैंक प्रबंधन के फरमान से मजबूरन किसान के परिवार द्वारा खाताधारक किसान को चारपाई पर लिटाकर बैंक लाया गया. जिससे बैंक से बोनस और धान विक्रय का पैसा निकाला जा सके. वही बैंक प्रबंधन की कार्यप्रणाली को देखकर बैंक और उसके आसपास मौजूद लोगों ने बैंक प्रबंधन के खिलाफ हल्ला बोल दिया है और बैंक परिसर में जमकर हंगामा मचाया.
दरअसल मगरलोड इलाके के मेघा गांव में रहने वाले किसान गुहाराम साहू कुछ महीने पहले सड़क दुघर्टना में घायल हो गए थे. जिन्हे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसी समय से यह किसान अस्पताल में भर्ती है. इसी बीच इलाज के लिए पैसो की दिक्कत होने की वजह से परिजन किसान के खाते से पैसे निकालना चाह रहे थे. जो किसान के द्वारा धान बेचने के एवज सहित सरकार से बोनस के रूप में मिले है.
लेकिन जब किसान के परिजन पैसे निकालने बैंक पहुंचे तो बैंक प्रबंधन ने किसान को बैंक लाने का फरमान सुना दिया और किसान के बैंक आने पर ही पैसे भुगतान करने का हवाला दिया. पैसे की तंगी से जूझ रहे किसान के परिवार के सामने और कोई रास्ता नहीं बचा .जिसके चलते अस्पताल में भर्ती किसान गुहाराम को पिकअप वाहन से बैंक के पास लाया गया. जहां से उन्हे खाट पर बैठाकर बैंक परिसर ले जाया गया. तब कही जाकर गुहाराम के परिवार ने पैसे का आहरण किया.इस दौरान बैंक में मौजूद लोग बैंक प्रबंधन को कार्यशैली को देखकर हैरान हो गए और उन्होंने इसका जमकर विरोध भी किया.
किसान के परिवार की माने तो वे कई बार बैंक के चक्कर काट चुके है. खाताधारक के बारे में बैंक प्रबंधन को जानकारी दी गई थी, कि खाताधारक अस्पताल में भर्ती में है और उनका इलाज जारी है. इसके बाद भी बैंक प्रबंधन ने बात नहीं मानी और पैसे देने से इंकार कर दिया.
इस मामले में किसान नेता बीरेन्द्र साहू ने इस घटना को मानवता को शर्मसार करने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि पीड़ित किसान गुहाराम की पत्नी को रुपए देने के लिए सरपंच सचिव एवं प्राथमिक कृषि सहकारी समिति प्रबंधक की लिखित सिफारिश होने के बाद भी राशि नहीं दिया जाना चिंतनीय विषय है.
वही बैंक मैनेजर भानूराम साहू का कहना है कि बैंक में तबयित खराब होने के बहाने बनाकर कई लोग पैसे निकाल लेते है. जिसकी वजह से ऐसे निर्देश दिए जाने की बात कह रहे है .