दिल्ली. बार काउंसिल की सात सदस्यीय टीम ने रविवार की रात मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा से मुलाकात की. बार काउंसिल की टीम ने चीफ जस्टिस से मिलकर जजों के साथ उनके मतभेदों को सुलझाने के लिए चर्चा की. चर्चा के बाद बार काउंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि चीफ जस्टिस ने सब कुछ सुलझा लेने का भरोसा दिलाया है. बीसीआई सोमवार को इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी.
सुप्रीम कोर्ट के चार जजों के खुलकर चीफ जस्टिस आफ इंडिया के विरोध में आ जाने के बाद न्यायपालिका में भूचाल आ गया. पीएम मोदी समेत पूरी सरकार इस मामले पर दूर से नजर बनाए हुए है, वहीं इस घटना के बाद उपजे हालात से निपटने के लिए बार काउंसिल की टीम सामने आई है. बार काउंसिल ने पहले ही कह दिया था वह इस मामले को निपटाने के लिए जो भी बन पड़ेगा वो करेगी. साथ ही बार काउंसिल ने राजनीतिक दलों से इस मामले से दूर रहने को कहा था.
इसके पहले रविवार को ही ऑल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशन ऑफ दिल्ली की कोऑर्डिनेशन कमेटी ने भी अपनी बात सामने रखी थी. इस कमेटी का कहना था कि चीफ जस्टिस को इस मामले को सुलझा लेना चाहिए था और चारों वरिष्ठ जजों की परेशानी को दूर करना चाहिए था. कमेटी ने चीफ जस्टिस समेत सभी जजों से अपील की है कि इस मामले को जल्द सुलझा लें.
इससे पहले के घटनाक्रम में रविवार को ही सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन जस्टिस पीबी सावंत के साथ हाईकोर्ट के कई पूर्व न्यायाधीशों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा के नाम खुला पत्र लिखा था. इस पत्र में सबने सुप्रीम कोर्ट के चार नाराज न्यायाधीशों का समर्थन किया था.
गौरतलब है कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के 4 सिटिंग जजों जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है, अगर ऐसा चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर चीफ जस्टिस से बात की, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी.