बाराबंकी. नगर कोतवाली क्षेत्र में सोमवार को दोपहर करीब 11 बजे नगर के राजकीय इण्टर कॉलेज मैदान में सैकड़ों ई-रिक्शा चालक इकठ्ठा हुए. इनमें ई रिक्शा मालिक और किराये पर ई-रिक्शा चलाने वाले चालक दोनों शामिल थे. ई-रिक्शा चालकों ने पहले तो जीआईसी मैदान में अपने ई-रिक्शा खड़े कर प्रदर्शन शुरू किया. इस दौरान जमकर नारेबाजी की.

इसी बीच, कुछ एक रिक्शा वाले मैदान के बाहर चले गए और जिला महिला अस्पताल के सामने सड़क पर जा रहे ई-रिक्शा वालों को रोक-रोक कर मैदान में खड़ा करवाने लगे. जिन ई रिक्शा को रूकवाया जा रहा था, उनमें ज़्यादातर सवारियां सवार थीं. ऐसे में सवारियों में भी अफरा तफरी मचने लगी. ई रिक्शा वालों के जमावड़े और प्रदर्शन की सूचना जैसे ही यातायात पुलिस को मिली, तो वह भी हरकत में आ गई. मौके पर पहुंचे यातायात निरीक्षक नन्दकिशोर यादव ने दलबल के साथ यातायात को सुगम बनाने की कोशिश की. लेकिन, वहां हद दर्जे अफरातफरी का माहौल बना रहा.

इसी बीच, कोतवाली नगर को सूचना दी गई. मौके पर पहुंचे कोतवाल संजय मौर्य ने देखा कि, हालात बेकाबू हैं. आमजन भी परेशान हो रहे हैं. ऐसे में सबसे पहले तो ई-रिक्शा वालों की भीड़ को तितर बितर करने के लिये हवा में लाठियां पुलिस ने लहराईं. खाकी और लाठी देखकर अचानक भगदड़ मची. ई-रिक्शा वाले वापस मैदान की ओर भागे. कुछ ही पलों में ज्योंही स्थिति सामान्य हुई तो कोतवाल संजय मौर्य ने कहा कि, चार पांच प्रमुख लोग सामने आयें और अपनी बात रखें. जन सामान्य को असुविधा न होने दें. लोगों के लिए किसी प्रकार की परेशानी का कारण न बनें. ई रिक्शा वालों ने बात रखी कि, टेम्पो स्टैण्ड वाले ग्रामीण ई रिक्शा चालकों को शहर में वाहन नहीं चलाने देते.

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जगह-जगह पर रोक कर बेइज्जती करते हैं. सवारियां जबरन उतरवा लेते हैं. यहां तक कि, मारपीट भी कर देते हैं. अवैध धन उगाही की जाती है. ई-रिक्शा वालों ने यह भी बताया कि, प्रतिदिन 250 से 300 रुपए की ही कमाई हो पाती है. जिसमें ई रिक्शा की बैटरी चार्ज करने में लगभग 50 रुपए की बिजली खर्च हो जाती है. साथ ही प्रतिदिन, पल्हरी टेम्पो स्टैण्ड से 25 रूपये और टेस्टी बाइट के आगे टेम्पो स्टैण्ड से 35 रूपया प्रतिदिन उगाही की जाती है. ऐसे में हम क्या कमायें और क्या बचायें?

इस संबंध में एआरटीओ अंकिता शुक्ला ने बताया कि, तीन सदस्यों की कमेटी जिलाधिकारी द्वारा बनाई गई थी, जिनमें ईओ नगर पालिका परिषद नवाबगंज, उप जिलाधिकारी नवाबगंज और सीओ ट्रैफिक शामिल थे. यह रूट निर्धारिण उन्हीं के द्वारा किया गया था. जनचर्चा है कि, यह सब प्रशासन की नाकामी के कारण हो रहा है. टेम्पो स्टैण्ड वालों को नगर पालिका नवाबगंज का संरक्षण मिल रहा है. साथ ही, अपने दायित्वों से विमुख अधिकारियों की मनमानी कार्यशैली का दण्ड आमजन को भुगतना पड़ रहा है.

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