Barmer Loksabha Elections 2024 : बाड़मेर लोकसभा सीट राजस्थान में है. एक निर्दलीय उम्मीदवार के चलते ये सीट Loksabha Elections 2024 में काफी चर्चा में है. पहले इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है. इस सीट के इतिहास के पन्नों को पलटकर देखे तो यहां से कांग्रेस 9 बार जीत मिली है. हालांकि पिछले 10 साल से इस सीट पर BJP का कब्जा है. इस सीट पर जाट वोटर्स की संख्या ज्यादा है. चुनाव आयोग के डाटा के मुताबिक यहां 7 लाख जाट मतदाता हैं.

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Barmer Loksabha Elections 2024: किस पार्टी ने किसको बनाया उम्मीदवार

बाड़मेर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई हो गई है. BJP ने मौजूदा सांसद कैलाश चौधरी को फिर एक बार मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने इस सीट से उम्मेदा राम बेनीवाल को उम्मीदवार बनाया है. कैलाश चौधरी और उम्मेदा राम बेनीवाल जाट समुदाय से आते हैं.

इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर शिव विधानसभा क्षेत्र के विधायक रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) मैदान में उतरे हैं. भाटी के मैदान में आने से लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है. इस सीट पर पिछले 62 साल से कोई भी निर्दलीय उम्मीदवार सांसद नहीं बना है. आखिरी बार साल 1957 में निर्दलीय रघुनाथ सिंह सांसद (Raghunath Singh MP) चुने गए थे.

साल 2019 आम चुनाव के नतीजे

वर्ष 2019 आम चुनाव में BJP ने जीत दर्ज की थी. BJP उम्मीदवार कैलाश चौधरी (Kailash Chaudhary) ने कांग्रेस के उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह (Manvendra Singh) को 3 लाख 23 हजार 808 वोटों से हराया था. बीजेपी उम्मीदवार को 8,46,526 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 5,22, 718 वोट हासिल हुए थे. इस सीट पर 18 हजार 996 वोट नोटा को भी मिले थे.

Barmer Loksabha Elections 2024: इस सीट का इतिहास

बाड़मेर लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1952 आम चुनाव में वोटिंग हुई थी. उस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार भवानी सिंह (Bhavani Singh) सांसद चुने गए थे. साल 1957 आम चुनाव में भी निर्दलीय रघुनाथ सिंह बहादुर ने जीत दर्ज की थी. साल 1962 आम चुनाव में रामराज्य परिषद के तन सिंह सांसद चुने गए थे.

वर्ष 1976 लोकसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस को इस सीट पर जीत मिली थी. कांग्रेस के अमृत नाहटा (Amrit Nahta) सांसद बने. नाहटा ने साल 1971 आम चुनाव में भी जीत दर्ज की थी. लेकिन साल 1977 लोकसभा चुनाव में तन सिंह सांसद चुने गए. 1980 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस (आई) के उम्मीदवार विरधी चंद जैन सांसद बने. साल 1984 चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर विरधी चंद जैन ने फिर से जीत दर्ज की. लेकिन साल 1989 आम चुनाव में जनता दल के उम्मीदवार कल्याण सिंह कालवी (
Kalyan Singh Kalvi) सांसद चुने गए.

साल 1991 आम चुनाव में कांग्रेस के रामनिवास मिर्धा ने जीत दर्ज की. साल 1996 चुनाव में कांग्रेस के सोना राम सांसद चुने गए. सोना राम साल 1996, साल 1998, साल 1999 में लगातार तीन बार जीत दर्ज की. साल 2004 आम चुनाव में पहली बार बीजेपी के उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की. साल 2009 आम चुनाव में ये सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. कांग्रेस के हरीश चौधरी सांसद चुने गए. साल 2014 में बीजेपी के टिकट पर सोना राम सांसद चुने गए. साल 2019 आम चुनाव में कैलाश चौधरी ने जीत दर्ज की.

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