हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है. यह दिन हिंदुओं के लिए बहुत ही ज्यादा खास होता है. इस साल 14 फरवरी को बसंत पंचमी मनाई जाने वाली है. इस दिन विद्या संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की बहुत ही धूमधाम के साथ पूजा अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है. इसी के साथ इस दिन पीले वस्त्र पहनने का सबसे ज्यादा महत्व बताया जाता है, पर क्या आप जानते हैं इसके पीछे क्या महत्व है आखिर बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र क्यों पहने जाते हैं. अगर आप नहीं जानते तो आज हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं.

बसंत पंचमी पर क्यों पहने जाते हैं पीले वस्त्र

बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती को अर्पित किया जाता है. बसंत ऋतु के आगमन का बसंत पंचमी प्रतीक माना जाता है. यह दिन पीले रंग से बहुत ही ज्यादा जुड़ा हुआ है. पीले रंग को हिंदू धर्म में बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है. पीला रंग शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक भी माना जाता है. इसी के साथ इस दौरान सरसों के खेत पीले फूलों से खिल उठते हैं. हर जगह पीले फूल दिखाई देते हैं. इसी के साथ मां सरस्वती और पीला रंग ज्ञान का प्रतीक भी माना जाता है इसीलिए इस रंग को इस पर्व के साथ जोड़ा गया है. अधिकतर लोग इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करते हैं और पीले रंग के भोजन भी अपने घर में बनाते हैं. इसी के साथ अपने घर को भी पीले रंग से सजाते हैं. बसंत पंचमी का दिन विद्या आरंभ करने के लिए शुभ दिन माना जाता है. Read More – Ekta Kapoor ने Ankita Lokhande को दिया बड़ा ऑफर! Bigg Boss के बाद इस सीरियल में आ सकती हैं नजर …

जानिए पीले रंग का वैज्ञानिक महत्व

अगर आप पीले रंग का वैज्ञानिक महत्व देखते हैं तो यह रंग मन को मजबूत बनाने का काम करता है. यह रंग मूड और फीलिंग को अच्छा भी कर देता है इसीलिए इस रंग को बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है. Read More – ‘मरने के बाद’ जिंदा हुई Poonam Pandey, Video आया सामने …

बसंत पंचमी का क्यों होता है महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह कहा जाता है कि जिस समय ब्रह्मा जी रचना कर रहे थे उस समय अपने कमंडल से उन्होंने जल छिड़का, जिससे शक्ति रुपी 6 भुजा वाली एक देवी प्रकट हुई. उनके हाथ में फूल, पुस्तक, कमंडल, विणा और माला मौजूद थी. उन्होंने जैसे ही वीणा बजाई चारों ओर वेद मंत्र गूंज उठे थे इसीलिए वसंत पंचमी को मां सरस्वती का जन्मदिवस भी मनाया जाता है. यह दिन सभी शुभ काम करने के लिए बहुत ही ज्यादा उत्तम माना जाता है. कई लोग इस दिन अपने बच्चों को पहला अक्षर लिखना भी सिखाते हैं. पढ़ाई के लिए इस दिन को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है.