Bastar News Update: सुकमा. बस्तर में एक बड़ी सुरक्षा सफलता दर्ज करते हुए दरभा डिवीजन के कुख्यात एसजेडसी कमांडर जयलाल उर्फ दिरदो विज्जा ने पत्नी माड़वी गंगी के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है. विज्जा बीते दिनों बीजापुर की मुठभेड़ में हथियार लेकर जवानों के सामने खड़ा दिखा था, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों की नजर उस पर थी. 40 वर्षों से संगठन में सक्रिय रहे जयलाल पर 25 लाख और उसकी पत्नी पर 8 लाख का इनाम था. दोनों आंध्रप्रदेश पहुंचकर आत्मसमर्पण के लिए तैयार हुए, जहां अधिकारियों के सामने हथियार डाल दिए. विज्जा ताड़मेटला, झीरम घाटी, मिनपा और कई बड़े हमलों का प्रमुख आरोपी रहा है. पुनर्वास नीति के तहत उन्हें सुरक्षा सहित जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. अधिकारियों का कहना है कि यह आत्मसमर्पण संगठन को बड़ा मानसिक और रणनीतिक झटका देगा. लगातार बढ़ते दबाव और भरोसेमंद पुनर्वास नीति ने कई पुराने कैडर को हथियार छोड़ने की ओर प्रेरित किया है. इस पहल से माना जा रहा है कि दक्षिण बस्तर में आने वाले समय में और भी सरेंडर देखने को मिल सकते हैं.

जगदलपुर – जनवरी से फिर आसमान से जुड़ेगा बस्तर
रायपुर-जगदलपुर हवाई सेवा बंद होने के बाद बस्तर की कनेक्टिविटी को लेकर बनी निराशा अब उम्मीद में बदल रही है. एलायंस एयर ने राज्य सरकार के साथ हुई बैठक में स्पष्ट कर दिया है कि वह जनवरी से दोबारा उड़ान शुरू करने को तैयार है. सरकार ने भी दो दिन की वीजीएफ फंडिंग देने पर सहमति जताते हुए माहौल सकारात्मक कर दिया है. विंटर शेड्यूल में सेवा शुरू होने वाली थी, लेकिन भुगतान में अड़चन के कारण प्रक्रिया अटक गई थी. अब एयरलाइन ने अपने स्तर पर टाइमटेबल और ऑपरेशन तैयार करना शुरू कर दिया है. एलायंस एयर को भरोसा है कि इस बार यात्रियों की संख्या बढ़ेगी और नुकसान की भरपाई हो सकेगी. पहले इंडिगो की कनेक्टिविटी बढ़ने से एलायंस एयर के यात्रियों में काफी गिरावट आई थी. यह बारहबंदी टूटने से बस्तर के व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन पर सीधा असर पड़ेगा. एयरपोर्ट प्रबंधन का कहना है कि औपचारिक घोषणा के बाद प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया जाएगा. बरसों बाद बस्तर के लोग फिर से आसमान से जुड़ने के लिए उत्साहित दिखाई दे रहे हैं. यह कदम बस्तर को मुख्यधारा की रफ्तार से जोड़ने वाला साबित हो सकता है.
करपावंड – टोकन की कमी पूरी करने चोरी से खरीदा धान
करपावंड क्षेत्र में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बीच एक बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है, जिसने पूरे प्रशासन को सतर्क कर दिया है. मारीगुड़ा गांव के पास एक ट्रैक्टर को रोककर जांच की गई तो उसमें 89 बोरी में 40 क्विंटल धान मिला, जो आरोपी लक्ष्मण भारती किसी दूसरे किसान से लाकर अपने पिता के टोकन में खपाने की कोशिश कर रहा था. टोकन 152 क्विंटल के लिए कटा था लेकिन धान कम होने के कारण उसने राताखंडी गांव से धान मांगकर लाना स्वीकार किया. यह स्पष्ट था कि धान को अवैध रूप से दूसरे किसान के नाम पर बेचने की तैयारी हो रही थी. राजस्व अधिकारियों ने इसे समर्थन मूल्य प्रणाली के खिलाफ गंभीर धोखाधड़ी बताते हुए तत्काल धान और ट्रैक्टर जब्त कर लिया. धान अब करपावंड थाने में सुरक्षित रखा गया है और मामला जांच में लिया गया है. प्रशासन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि ऐसे किसी भी अवैध लेनदेन पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी ताकि खरीदी प्रक्रिया की पारदर्शिता बनी रहे.
बस्तर संभाग – जोखिम उठाकर काम, पर भुगतान अधर में: 11 माह की देरी से स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ाई
नक्सल प्रभावित बस्तर में स्वास्थ्यकर्मियों की नाराज़गी चरम पर पहुंच गई है, क्योंकि CRMC यानी नक्सल क्षेत्र प्रोत्साहन राशि 11 महीनों से लंबित है. बीजापुर जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने विरोध स्वरूप पोस्टमॉर्टम कार्य रोक दिया तो प्रशासन तुरंत हरकत में आया. डॉक्टरों का कहना है कि 2.5 से 3 लाख रुपए तक की राशि अब तक नहीं मिली है, जबकि नर्सों के 30 से 40 हजार तक अटके पड़े हैं. केंद्र सरकार फंड जारी कर चुकी है, पर राज्य स्तर पर वितरण न होने से कर्मचारी बेहद आक्रोशित हैं. विरोध के चलते प्रशासन ने 11 दिसंबर तक राशि जारी करने का लिखित आश्वासन दिया है. हालांकि ओपीडी सेवाएं कई जिलों में बंद की गई हैं और केवल इमरजेंसी ही संचालित हो रही है. कर्मचारियों का कहना है कि जोखिम भरे इलाकों में काम करने के बावजूद समय पर भुगतान न मिलना अपमानजनक है. यह स्थिति लंबे समय तक जारी रही तो स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर असर पड़ सकता है.
डिलमिली – औद्योगिक गतिविधि की आहट से उफना जनक्रोध
डिलमिली में आयोजित महाग्रामसभा एक बड़े जनआंदोलन का रूप लेती दिखी, जहां आसपास के कई गांवों के लोग सैकड़ों की संख्या में जुटे, जिसके बाद रेलवे और सरकार को कड़ा संदेश दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि रेक खाली करवाने की प्रक्रिया मिनी स्टील प्लांट के लिए जमीन तैयार करने के शुरुआती कदम के रूप में की जा रही है. लोगों ने स्पष्ट कहा कि ग्रामसभा की अनुमति के बिना कोई भी रेक खाली नहीं होने दी जाएगी. सभा में पर्यावरण, मिट्टी, पानी और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले संभावित दुष्प्रभावों को खुलकर रखा गया. ग्रामीणों ने डर जताया कि बाहरी वाहनों की आवाजाही बढ़ने से अपराध भी बढ़ सकता है और खेती का स्वरूप बदल जाएगा. उन्होंने कहा कि डिलमिली को दूसरे रायकोट की तरह उद्योगों के हवाले नहीं किया जाएगा और जमीन किसी भी कीमत पर नहीं दी जाएगी. सभा के बाद क्षेत्र में माहौल और संवेदनशील हो गया है और ग्रामीण पहरा बढ़ा रहे हैं.
मर्दापाल – माओवादी छाया से निकलकर मैदान में चमक : मर्दापाल की बेटियाँ बन रहीं बस्तर की नई पहचान
मर्दापाल और आसपास के गांवों की बेटियाँ आज हॉकी मैदान में जिस आत्मविश्वास के साथ उतर रही हैं, वह बस्तर की बदलती तस्वीर का मजबूत सबूत है. कभी नक्सल घटनाओं के लिए कुख्यात यह इलाका अब खेल प्रतिभाओं का केंद्र बनता जा रहा है. छात्रावासों में रहकर ये बालिकाएं शिक्षा और खेल दोनों में संतुलन बनाकर आगे बढ़ रही हैं. पिछले वर्षों में कई खिलाड़ी जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में अपनी क्षमता साबित कर चुकी हैं, जबकि कुछ ने राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचकर क्षेत्र का मान बढ़ाया है. खिलाड़ियों का कहना है कि हॉकी खेलने से उनमें अनुशासन और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता विकसित हुई है. बस्तर ओलंपिक जैसे बड़े मंच ने इन प्रतिभाओं को उड़ान देने में अहम भूमिका निभाई है. इस बार भी मर्दापाल की टीम संभाग में पहला स्थान लाने के लिए कड़ी तैयारी कर रही है. यह बदलाव न केवल खिलाड़ियों बल्कि उनके परिवारों के नजरिए में भी दिखाई देता है.
गीदम – आस्था का उमड़ा सैलाब : शिव कथा से गीदम बना प्रदेश का आध्यात्मिक केंद्र
गीदम में शुरू हुई शिव महापुराण कथा के पहले ही दिन बीस हजार से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे पूरा क्षेत्र एक विशाल आध्यात्मिक आयोजन में बदल गया. पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने के लिए छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों से भक्त पहुंचे. पंडित जी ने कहा कि दवा और दुआ साथ चलें तो रोगों का प्रभाव जल्दी हट जाता है, इसलिए बीमारी में पहले अस्पताल और फिर भगवान की शरण लेनी चाहिए. उन्होंने शिव को जल–दूध अर्पण के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि क्रोध में बनाई रसोई भोजन के प्रभाव को बिगाड़ देती है. भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए गीदम–बारसूर मार्ग डायवर्ट कर दिया गया और राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों को नियंत्रित रूप से पार कराया जा रहा है. कथा में पंडित जी ने भक्तों की चिट्ठी पढ़कर उनके नाम भी पुकारे, जिससे माहौल और भावनात्मक हो उठा. पूरे आयोजन में श्रद्धा और शांति का अनूठा समन्वय देखने को मिल रहा है.
बस्तर संभाग – 20 केंद्र बफर लिमिट से ऊपर, मिलर्स गायब
धान खरीदी शुरू हुए बीस दिन हो चुके हैं, लेकिन बस्तर संभाग में परिवहन शुरू न होने से स्थिति गंभीर होती जा रही है. पूरे संभाग के बीस से अधिक केंद्र बफर लिमिट पार कर चुके हैं और कई जगह दो से बारह हजार क्विंटल तक धान ढेर के रूप में जमा हो गया है. जबकि 72 मिलर्स ने कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन कराया है, पर धान उठाव का काम शुरू नहीं हुआ है. समितियों का कहना है कि मिलर्स किसी न किसी बहाने से उठाव टाल रहे हैं और हाल ही में हड़ताल की बात भी सामने आई है. कई केंद्रों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द उठाव नहीं हुआ तो तौल बंद करनी पड़ेगी. किसान भी खरीदी की धीमी रफ्तार से परेशान हैं, क्योंकि अब तक केवल 27 हजार किसान ही धान बेच पाए हैं. खाद्य विभाग और मार्कफेड पर धान उठाने की जिम्मेदारी है, लेकिन कार्रवाई धीमी होने से संकट गहराता जा रहा है. समय रहते समाधान नहीं मिला तो धान में सूखत और नुकसान बढ़ सकता है.
दंतेवाड़ा – बारिश ने बढ़ाई किसानों की परेशानी : खरीदी केंद्रों में सैंपल रिजेक्ट होने से बढ़ी चिंता
दंतेवाड़ा जिले में धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू तो हो गई है, लेकिन लगातार बारिश के कारण धान की कटाई और मिंडाई देर से होने से किसानों की परेशानी कई गुना बढ़ गई है. धान में नमी सामान्य से ज्यादा है और कई केंद्रों में क्वालिटी टेस्ट में धान रिजेक्ट किया जा रहा है. 17 प्रतिशत नमी तक धान स्वीकार किया जाना है, लेकिन किसानों के धान में इससे ज्यादा नमी पाई जा रही है, जिससे उन्हें दोबारा सुखाने में समय और लागत दोनों लग रहे हैं. कई खरीदी केंद्रों में हमालों की कमी के कारण किसान परिवार के साथ खुद ही तौल प्रक्रिया में लगे हुए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में धान सुखाने के लिए पर्याप्त जगह न होने से समस्या और बढ़ गई है. प्रशासन का कहना है कि नमी सीमा बढ़ाना संभव नहीं है, पर प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं. किसान चाहते हैं कि मौसम को देखते हुए कुछ राहत दी जाए ताकि धान बेचने में देरी न हो. अब खरीदी केंद्रों में भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है और स्थिति अगले कुछ दिनों में और जटिल हो सकती है.
सुकमा – पुसपाल में 350 क्विंटल से अधिक धान जब्त
सुकमा जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को पारदर्शी बनाए रखने के लिए प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. छिंदगढ़ एसडीएम प्रताप विजय खेस के नेतृत्व में राजस्व, पुलिस और खाद्य विभाग की संयुक्त टीम ने पुसपाल में खरीदी केंद्र के पीछे अवैध भंडारण पर छापेमारी की. कार्रवाई में कोचिया व्यापारी लक्ष्मीनाथ से 50 क्विंटल और अभिषेक गुप्ता से 280 क्विंटल धान बरामद हुआ, जबकि किसान गंगाराम द्वारा खरीदा गया 20 क्विंटल से अधिक धान भी जब्त कर लिया गया. एक ग्रामीण के बंद घर में बड़ी मात्रा में अवैध धान मिलने पर घर को सील कर दिया गया. अधिकारियों ने कहा कि यह धान को अवैध रास्ते से बेचने का संगठित प्रयास था. प्रशासन ने चेतावनी दी है कि खरीदी प्रक्रिया से खिलवाड़ करने वालों पर इसी प्रकार की कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी. इस कार्रवाई के बाद से स्थानीय कारोबारियों में खलबली है और खरीदी केंद्रों के आसपास निगरानी और बढ़ा दी गई है, ताकि किसान एवं व्यवस्था दोनों सुरक्षित रहें.
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