रायपुर. बस्तर के लिए राहुल गांधी ने पर्यवेक्षकों और समन्वयकों की जो टीम बनाई है. सूत्रों के मुताबिक उसमें कांग्रेस के आठ विधायकों से पांच की स्थिति इस चुनाव में पॉजिटिव है. जबकि तीन विधायकों की रिपोर्ट ठीक नहीं है. बताया जा रहा है कि ये रिपोर्ट राहुल गांधी को सौंप दी जाएगी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 26 मार्च को बस्तर संभाग की विधानसभा सीटों के लिए तीन विशेष टीमों की सूची जारी की थी. विशेष टीम में ज्यादातर ओडिशा के नेताओं को ही रखा गया था. बताया जा रहा है कि टीम ने बस्तर में जमकर मेहनत करने की ज़रूरत बताई है. जिससे कांग्रेस आधे से ज़्यादा सीटें जीत सके. अभी बस्तर में 12 विधानसभा सीटें हैं जिनमें से 8 सीटें कांग्रेस के पास है जबकि चार सीटों पर बीजेपी काबिज़ है.
इन नेताओं ने चार महीनों तक लगातार अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जाकर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है. मसलन, बूथ लेवल से लेकर जिला कमेटी तक कितने पद खाली हैं, पदाधिकारियों की सक्रियता कितनी है, जनता के बीच कांग्रेस की छवि कैसी है, पार्टी के वर्तमान विधायकों का परफॉर्मेंस कैसा है, विधानसभा क्षेत्रवार सक्रिय कार्यकर्ता कौन हैं, प्रत्याशी के तौर पर पर किनका नाम सूची में शामिल किया जा सकता है, इन सभी बिंदुओं पर राहुल की विशेष टीम ने सर्वे किया. तीनों विशेष टीमों के बीच समन्वय और उनकी मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी प्रदेश प्रभारी उरांव को दी गई थी.
टीम ने हर सीट को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार की है. हालांकि टीम का काम खत्म नहीं हुआ है. टीम को विधानसभा चुनाव तक सक्रिय रहकर काम करना है. कांग्रेस ने उन सीटों पर काम करना शुरु कर दिया है. जहां विधायकों की हालत ठीक नहीं है. टीम ने आकलन किया है कि कांग्रेस के लिए सबसे मजबूत सीट सुकमा है. जहां से उन नेता प्रतिपक्ष कवासी लकमा विधायक हैं. टीम का मानना है कि उत्तर बस्तर की तुलना में दक्षिण बस्तर में हालत बेहतर है.
इस बार के चुनाव में बीजेपी का ख़ासा ज़ोर बस्तर और सरगुजा की सीटों पर है. लिहाज़ा टीम का मानना है कि बीजेपी इस बार संसाधनों का जमकर इस्तेमाल करेगी. लिहाज़ा कांग्रेस को जमकर मेहनत करनी पड़ेगी. रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि वो कौन सी सीट है जो अभी बीजेपी के पास है लेकिन जिसे कांग्रेस जीत सकती है. सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में जगदलपुर और बीजापुर को पोटेंशियल सीट मानी गई है. सूत्रों के मुताबिक नारायणपुर में भी अभी पार्टी की स्थिति पहले की तुलना में बेहतर है लेकिन चुनाव में बीजेपी का मैनेजमेंट और कम वोटिंग कांग्रेस को भारी पड़ सकती है. हालांकि ये अध्ययन प्रत्याशी चयन से पहले का है. प्रत्याशियों का नाम सामने आने के बाद स्थितियां बदलेंगी.
समन्वयक पूर्व विधायक प्रदीप मांझी की टीम में पर्यवेक्षक मुन्ना त्रिपाठी, विधायक कु्रशनो सागरिया, पूर्व विधायक निमाई सरकार, विधायक भोजुबल मांझी, अधिराज पाणिग्रही, माला माधी, गोविंदो पात्रा, समन्यवक बलैय्या नाइक की टीम में पर्यवेक्षक मूड बालु चौहान, रागा कंथा राव, नरेश जादव, पूर्व विधायक पेंटा रामा तालांडी और समन्वयक पूर्व विधायक श्रीनिवास गोमासे की टीम में पर्यवेक्षक बनोथ हरि प्रिया, दाना सारी अनसुइया व पोदम वीरैया.