रायपुर। आदिवासी समुदाय से आने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और अनुभव ने आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में विकास की रौशनी पहुंचाकर उनमे विश्वास जगाने का एक महत्वपूर्ण काम किया है। उनके नेतृत्व में प्रशासनिक ढांचे में सुधार, पारदर्शिता और रिज़ल्ट ऑरीएंटेड नीतियों पर जोर दिया जा रहा है। साय सरकार की कोशिशों का ही परिणाम है कि आज बस्तर बहुत तेज़ी से औद्योगिकीकरण की ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री साय के मुख्य मंत्र Perform, Reform, Transform — यानी प्रदर्शन, सुधार और रूपांतरण हैं जो यह संकेत देते हैं कि सरकार सिर्फ योजनाएं बनाने की ओर नहीं, बल्कि उन्हें लागू करने और परिणाम दिखाने पर जोर दे। उनका यह दृष्टिकोण विशेष रूप से बस्तर और अन्य पिछड़े/नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को विकास के साथ जोड़ने का है। राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बस्तर को सुरक्षित वातावरण, बुनियादी सुविधाएं, उद्योग, रोजगार और सामाजिक उत्थान देने के लिए संकल्पित है।

मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में औद्योगिक नीति 2024–2030 : नवप्रवर्तन

राज्य के औद्योगिक विकास में मुख्य मोड़ तब आया जब सरकार ने औद्योगिक नीति 2024–2030 लॉन्च की। इस नीति को “नए औद्योगिक युग” के परिचायक के रूप में देखा जा रहा है। औद्योगिक नीति के लागु होने के बाद से ही राज्य को लगभग 6.65 लाख करोड़ रपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इसके अलावा सरकार ने 350 से अधिक सुधार (reforms) लागू किए, जो निवेशकों को सहज और तेज़ अनुमति देने की प्रक्रिया सुनिश्चित करती हैं।
नई उद्योग नीति में विशेष क्षेत्रों को लक्षित किया गया है जैसे सूचना प्रौद्योगिकी (IT), कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), फार्मा, टेक्सटाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, हरित ऊर्जा, पर्यटन, कृषि-प्रसंस्करण आदि। इस नीति में बस्तर जैसे दुर्गम जिलों को अधिक सब्सिडी, कर अनुदान और अतिरिक्त प्रोत्साहन दिए गए हैं।उदाहरण स्वरूप, जो उद्योग steel-sector में निवेश करेंगे, उन्हें रॉयल्टी प्रतिपूर्ति (royalty reimbursement) 15 वर्ष तक दी जाएगी और वे उद्योग जो सपोर्टेड Naxals को नौकरी देंगे, उन्हें 5 वर्ष तक 40% वेतन सब्सिडी दी जाएगी।

प्राथमिकता क्षेत्र और भौगोलिक समावेशन

औद्योगिक नीति ने यह सुनिश्चित किया कि बस्तर जैसे पिछड़े और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जहां 88% ब्लॉक समूह-3 श्रेणी में रखे गए हैं ऐसे क्षेत्रों को निवेशकों द्वारा अधिक आकर्षक बनाया जा रहा है। साथ ही इन क्षेत्रों में उद्योग, राजमार्ग, रेल, एयर कनेक्टिविटी, बंदरगाह लिंक आदि बुनियादी ढाँचे को विस्तार देना भी इस नीति का अभिन्न अंग है। इस तरह की नीति ने राज्य को निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाई है। साथ ही कोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र को विकास ट्रैक पर लाने का रास्ता खोला जा रहा है।

साय सरकार में बस्तर में नए औद्योगिक युग की शुरुआत

चुनौतीयों से भरे बस्तर में अब नए औद्योगिक युग की शुरुआत देखी जा सकती है। मुख्यमंत्री साय ने लिखा है कि “बस्तर की समृद्धि छत्तीसगढ़ का उज्जवल भविष्य लिखेगी”

11 सितंबर 2025 को बस्तर में विशेष Investor Connect कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 200 से अधिक निवेशक, उद्योग प्रतिनिधि और स्थानीय उद्यमी शामिल हुए। इस कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक निवेश एवं निवेश प्रस्तावों का ब्योरा प्रस्तुत किया गया जिसमें लगभग 52,000 करोड़ रुपए की परियोजनाएं थी। निजी निवेश प्रस्तावों की संख्या ही लगभग 967 करोड़ रुपए रही, जिससे 2,100 से अधिक नौकरी सृजन की संभावना है।योजनाओं में रेल परियोजनाएं 5,200 करोड़ रुपए, सड़क परियोजनाएं 2,300 करोड़ रुपए शामिल थीं।बड़ी सार्वजनिक कंपनी NMDC ने अकेले 43,000 करोड़ रुपए निवेश की प्रतिबद्धता जताई। स्वास्थ्य क्षेत्र में बस्तर में 350-बेड निजी अस्पताल की योजना, मेडिकल कॉलेज, अन्य मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल आदि प्रस्तावित हैं। इन प्रयासों से बस्तर में निवेश आकर्षित करने और विकास इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए राज्य की साय सरकार ने एक ठोस मंच तैयार किया है।

विशेष प्रोत्साहन से तैयार किया जा रहा है निवेश के लिए अनुकूल माहौल

बस्तर के अधिकांश ब्लॉकों को Group 3 श्रेणी में रखा गया है ताकि हर ब्लॉक को अधिकतम सरकारी प्रोत्साहन प्राप्त हो सकें। पर्यटन क्षेत्र को उद्योग की श्रेणी दी गई है। निवेशकों को 45% सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। स्थानीय व्यवसायों, SC/ST उद्यमियों के लिए और नक्सल प्रभावित परिवारों के लिए अतिरिक्त सब्सिडी और लाभार्जन की व्यवस्था है। नए उद्योगों के लिए अनुमतियाँ देने में “one-click single window” प्रणाली को और सरल बनाया गया है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर : सड़क, रेल, एयर, कनेक्टिविटी से भी निवेशक होंगे बस्तर की ओर आकर्षित

रेल परियोजनाओं जैसे राओघाट- जगदलपुर रेल लिंक पर काम जारी है। सड़क सेक्टर में अबूझमाड़ को महाराष्ट्र से जोड़ने के लिए 152 करोड़ रुपए की सड़क परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है। NH-130D की नवीनीकरण और विस्तारीकरण का कार्य कोंडागांव-नारायणपुर ब्लॉक पर काम चल रहा है। एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए दंतेश्वरी हवाई अड्डे के उन्नयन की योजनाएं भी हैं। टेलीकॉम एवं मोबाइल नेटवर्क कवरेज संवर्धन पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि दूरदराज इलाकों में भी बस्तर की डिजिटल पहुँच बनी रहे। 


स्वास्थ्य और शिक्षा के साथ बुनियादी विकास की ओर बढ़ता बस्तर

बस्तर में 200 करोड़ रुपए की सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल की MOU हुई है, जो रजत जयंती वर्ष में एक प्रतीकात्मक उपलब्धि मानी जा रही है। शिक्षा क्षेत्र में बंद स्कूलों को पुनः चालू करना, ग्रामीण स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना, और अधोसंरचना का सुधार करना प्राथमिकता है। स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की उन्नति, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार और गुणवत्ता मानक सुनिश्चित करना भी सरकार का फोकस है।

समावेशी विकास : जन-भागीदारी से ही सुधार और विकास सम्भव

राज्य की साय सरकार का मूल विश्वास है कि विकास तभी स्थायी होगा जब लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। पिछड़े और आदिवासी समुदायों, दलितों और स्थानीय लोगों को उद्योगों और विकास योजनाओं में सम्मिलित करना राज्य सरकार के प्राथमिक लक्ष्यमें शामिल है। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण स्तर पर स्व सहायता समूहों, महिला उद्यमियों और स्थानीय हस्तशिल्पियों को विकसित किया जा रहा है ताकि बाहरी उद्योगों के दबाव में स्थानीय संस्कृति और आजीविका प्रभावित न हो। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास नीति, नक्सल समूहों को समायोजन और स्वरोजगार सहायता आदि प्रस्तावित हैं। राज्य सरकार की इन पहलों से बस्तर धीरे-धीरे न सिर्फ औद्योगिक क्षेत्र बन रहा है, बल्कि सामाजिक समावेशन और सुरक्षा का मॉडल क्षेत्र भी बनकर उभर रहा है।

हस्तशिल्प से अंतर्राष्ट्रीय पहचान पहचान पा रहे स्थानीय शिल्पी

बस्तर की पहचान उसके प्राकृतिक संसाधन और सांस्कृतिक विरासत से है। स्थानीय हस्तशिल्प जैसे बस्तर आयरन क्राफ्ट (Bastar Iron Craft) को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली है। इस कला को आगे ले जाने के लिए सरकार प्रयास कर सकती है इसके अलावा डिजाइन उद्यम, प्रशिक्षण केन्द्र, ब्रांडिंग और निर्यात को भी बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि स्थानीय कारीगरों को बेहतर आय अर्जित करने के अवसर मिलें और यह उद्योग भी औद्योगिक विकास में योगदान कर सके।

कृषि-प्रसंस्करण, खाद्य उद्योग और मूल्य संवर्धन

चूंकि बस्तर में कृषि और वन आधारित उपज होती हैं, इसलिए कृषि-प्रसंस्करण उद्योग, जैव-उर्वरक और जैव ईंधन निर्माण, फूड पॅकेजिंग, कूलिंग चैन आदि संभावनाएँ बहुत अधिक हैं। नई उद्योग नीति में इन्हें विशेष ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। उदाहरण स्वरूप यहाँ स्थानीय फलों को जूस, पल्प, जैम, टेक्स्टाइल रंग आदि रूपों में परिवर्तित कर उत्पाद बनाने की क्षमता निर्मित की जा रही है।

हेल्थकेयर और मेडिकल टेक्नोलॉजी

सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल की योजना इस दिशा में एक मील का पत्थर है। भविष्य में बस्तर में मेडिकल उपकरण निर्माण, डायग्नोस्टिक सेंटर, फार्मास्यूटिकल क्लस्टर आदि की स्थापना की जा सकती है जो न सिर्फ लोक सेवा बढ़ाएंगी, बल्कि औद्योगिक रोजगार भी देंगी।

पर्यटन और इको-टूरिज्म

बस्तर की जंगल, नदियां, सांस्कृतिक समूहों की जीवनशैली, नृत्य, हस्तशिल्प आदि पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध हैं। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने इसे उद्योग का दर्जा देने और निवेशकों को सब्सिडी देने की नीति बनाई है। इको-टूरिज्म रिज़ॉर्ट्स, पैकेजिंग, स्थानीय होमस्टे नेटवर्क, ट्रेकिंग, जलक्रिड़ाएं आदि को बढ़ावा देने की तैयारी है।

बस्तर में होने वाले निवेश और औद्योगिक विकास का लाभ, अवसर और अनुमानित प्रभाव

बस्तर में प्रस्तावित निजी निवेश 967 करोड़ रुपए से 2,100 से अधिक नौकरी सृजन की संभावना है । बड़े PSU समूहों जैसे NMDC की परियोजनाओं से अप्रत्यक्ष रोजगार, श्रमिक, निर्माण आदि के अवसर बढ़ेंगे।

आय वृद्धि से ग्रामीण समृद्धि


बस्तर के स्थानीय उत्पाद और संसाधनों को जोड़कर मूल्य संवर्धित उत्पाद बनेंगे जिससे किसानों, जंगल उत्पाद संग्राहकों और कारीगरों की आमदनी बढ़ेगी। हस्तशिल्प और पर्यटन से दूरदराज की आबादी को आय का अतिरिक्त स्रोत मिलेगा।


निवेशकों के डर मिटा रहा है सुरक्षा और सामाजिक शांति

विकास को हथियार बना कर नक्सलवाद को परास्त कर रही है राज्य की डबल इंजन की सरकार। जब लोगों को रोज़गार, आधारभूत सुविधाएं और अवसर मिलेंगे तो क्षेत्र में असंतोष की स्थिति कम होगी। केंद्र की सरकार ने भी 2026 मार्च तक बस्तर को नक्सल-मुक्त बनाने का लक्ष्य रख चुकी है। बस्तर जैसे क्षेत्र में होने वाले बड़े निवेश राज्य की निवेश छवि को पूरी तरह बदल देगा। यह सुधार इस बात का स्पष्ट संकेत देते हैं कि रजत जयंती वर्ष सिर्फ उत्सव नहीं बल्कि परिवर्तन की शुरुआत है।

समेकित दृष्टिकोण : “नए औद्योगिक युग” की रणनीति

नए औद्योगिक युग की रूपरेखा के तहत केंद्रीय कार्यक्रमों जैसे PM Gati Shakti, पीएमस्वास्थ्य सुरक्षा योजना, केंद्रीय वित्तीय सहायता को राज्य योजनाओं के साथ जोड़ा जाना है। राष्ट्रीय परियोजनाओं को बस्तर जैसे क्षेत्र में शामिल किया जाएगा। बस्तर, सरगुजा, उत्तर छत्तीसगढ़ जैसे क्षेत्र की विशेषता के अनुसार खनन, कृषि, पर्यटन और हस्तशिल्प क्लस्टर्स स्थापित किया जाएगा। साथ ही इन क्लस्टर्स को बढ़ावा देने के लिए विशेष रियायतें और टैक्नोलॉजी का हस्तांतरण किया जाएगा। राज्य में डिजिटलीकरण, इंटरनेट कनेक्शन, दूरस्थ शिक्षा, दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाई जाएंगी।

राज्य स्तर पर भारत का पहला आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) आधारित डेटा सेंटर/SEZ की स्थापना की जाएगी। विकास में पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने और जंगल, नदी, जैव विविधता को संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। ऊर्जा क्षेत्र में हरित ऊर्जा (सौर, पवन, जल-ऊर्जा) को बढ़ावा दिया जा रहा है। पुनरुत्थान परियोजनाएं, शोध और नवाचार केंद्र आदि क्षेत्रों में काम किया जा रहा है। “one-click single window” प्रणाली को अधिक सक्षम बनाया जा रहा है। हर परियोजना की समय-समय पर समीक्षा, जनता को रिपोर्टिंग, पारदर्शिता सुनिश्चित करने की तैयारी की जा रही है। नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए ग्राम स्तर पर विकास मंच और शिकायत निवारण प्रणाली निर्मित की जा रही है। यह सभी प्रयास निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने वाले कारक साबित होंगे।

इसके अलावा मानव संसाधन और स्किल इंडिया मॉडल के तहत राज्य के युवाओं को उद्योग-सम्बद्ध कौशल दी जाएगी। उद्योग–शिक्षा भागीदारी, प्रशिक्षण कार्यक्रम, बस्तर में प्रशिक्षण केंद्र बनाए जाएँगे साथ ही रोजगार गारंटी, स्वरोजगार सहायता और उद्यमिता विकास योजनाएं भी तैयार की जा रही है। इन रणनीतियों के आधार पर बस्तर न केवल औद्योगिक केंद्र बनेगा, बल्कि वह एक सामाजिक-आर्थिक समामेलन केंद्र के रूप में उभरेगा, जहाँ विकास, सुरक्षा, संस्कृति और पारिस्थितिकी का संतुलन होगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर में जो औद्योगिक गति और निवेश संवेदनशीलता आई है, वह केवल आर्थिक परिवर्तन का नहीं, बल्कि विकास की समावेशिता और न्याय की शुरुआत है।

बस्तर आने वाले समय में नक्सल प्रभावी क्षेत्र से विकास प्रभावी क्षेत्र बनेगा — जहां सड़क, रेल, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग, युवा अवसर — सब मिलकर एक नयी छवि रचेंगे।