रायपुर। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच मचे सियासी घमासान के बीच बस्तर के सभी 7 जिलों के मांझी आदिवासी बस्तर महाराजा कमलचंद्रदेव के साथ राजभवन पहुँचे. मांझियों ने राज्यपाल से खुले तौर बस्तर में इलाके में मिशनरीज की ओर से धर्मांतरण करने की शिकायत की. मांझियों ने कहा कि आदिवासी संस्कृति और परंपरा बस्तर में खतरे में है इसे बचाना होगा.

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने मांझियों की शिकायत पर कहा कि आप जो कह रहे हैं वह सही है. मेरे संझान में बस्तर की समस्याएं है. मैं जानती हूँ बस्तर में भोले-भाले आदिवासी प्रलोभन और छल के शिकार हो रहे हैं. मैं यह भी जानती हूँ कि समाज के लोगों को गुमराह किया जा रहा है. देवी-देवताओं के नाम पर समाज को लड़ाने का काम भी हो रहा है, इसलिए समाज प्रमुखों की जिम्मेदारी बनती है कि वे इसे रोके.

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राज्यपाल उइके ने कहा कि आप लोग अपने समाज को जोड़ने का काम करें. मुझे अगर कहीं से कोई शिकायत समाज को तोड़ने की आई तो मैं सख्त कार्रवाई करूँगी. हम सब प्रकृति के उपासक हैं. प्रकृति में विभिन्न देवी-देवता हैं, जिसे अपन राम, कृष्ण, गणेश, देवी दुर्गा, आदिशक्ति जैसे रूपों में पूजते हैं. माँ दंतेश्वरी भी देवी स्वरूप है. इसलिए आप सब को समाज को गुमराह करने वालों से बचना होगा.

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