बठिंडा. बठिंडा की सैनिक छावनी में चार 4 जवानों की हत्या के मामले में पूरा देश हैरान रह गया था, जबकि इस हत्याकांड का खुलासा अब हो चुका है इस हत्या को सेना के एक जवान ने ही अंजाम दिया और उच्च अधिकारियों को सूचना के नाम पर गुमराह भी किया. घटना का कारण आपसी रंजिश है वह मानसिक तौर पर परेशान था.

उसने झूठ कहा के 2 नकाबपोश लोगों ने इस हत्या को अंजाम दिया जिन्होंने कुर्ता पजामा पहना हुआ था. हत्यारे नेयोजनाबद्ध तरीके से इस हत्याकांड को अंजाम दिया 9 अप्रैल को इंसास राइफल चोरी की फिर 12 अप्रैल को घटना को अंजाम दिया और चार लोगों की हत्या कर दी .

 पुलिस ने भी इस मामले की जांच शुरू की और 2 दिन पहले 12 सेना कर्मियों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा था, जिनमें 4 से गहराई से पूछताछ की गई. उनमें से देसाई मोहन ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और घटना संबंधी सारी जानकारी दी. उसने जांच अधिकारी को बताया कि हरीश नाम के जवान की उसी ने राइफल चोरी की थी साथ 28 कारतूस भी थे. पोस्टमार्टम में भी खुलासा हुआ कि 4 जवानों की हत्या बंदूक से चली गोलियों से हुई.

 तोपखाना 80 मीडियम रेजिमेंट के चारों मृतक कर्नाटका व तमिलनाडु से संबंधित थे फिलहाल पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया और अगली कार्रवाई जारी है.

घटना का कारण आपसी रंजिश

घटना का कारण आपसी रंजिश है वह मानसिक तौर पर परेशान था. सेना के अधिकारी हर पहलू पर इस घटना की जांच कर रहे थे जबकि रक्षा मंत्रालय द्वारा थल सेना मुखी मनोज पांडे को इस घटना संबंधी रिपोर्ट देने के लिए कहा था . उन्होंने अपने स्तर पर टीम बनाकर घटना की जांच की तो तथ्य सामने आए . छावनी के ही सिपाही देसाई मोहन ने इस घटना को अंजाम दिया . सेना के अधिकारियों को उस पर पहले ही शक था परंतु वह फूंक-फूंक कर कदम रखे थे.