आजकल ठग ई-चालान के नाम से ठगी कर रहे हैं। यदि आपके पास भी आरटीओ के नाम से ई-चालान का मैसेज आता है तो सावधान हो जाएं। मैसेज भेजने वाला आरटीओ विभाग नहीं ठग हो सकते हैं। ठगों द्वारा चालान भरने के लिए दिए किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें वर्ना आपका खाता खाली हो सकता है। पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि साइबर ठग कभी पेंशन स्कीम का लालच देते हैं, कभी फर्जी लोन एप के माध्यम से, कभी बिना आर्डर का पार्सल भेजकर झांसा देते हैं। साइबर जालसाज लोगों से ठगी करने के लिए इन दिनों अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। साइबर सुरक्षा फर्म क्लाउडसेक की हाल ही में आई रिपोर्ट में ठगी के एक चिंताजनक तरीके का खुलासा हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार, वियतनामी हैकर समूह के जालसाज व्हाट्सऐप पर फर्जी ई-चालान मैसेज के जरिए भारतीय यूजर्स को अपना निशाना बना रहे हैं। ऐसी ठगी से गुजरात में सबसे ज्यादा पीड़ित हैं, उसके बाद कर्नाटक है।

मैसेज में होता है लिंक

इस फर्जी ई-चालान वाले मैसेज में जालसाज चालान भरने के लिए यूजर्स को एक लिंक पर क्लिक करने को कहते हैं। जब कोई यूजर्स लिंक पर क्लिक करता है, तो यह फर्जी ऐप डाउनलोड करने का संकेत देता है, जो एक मालवेयर रहता है।एक बार इंस्टॉल होने के बाद यह ऐप कई अनुमतियां मांगता है, जैसे कांटेक्ट, फोन कॉल, SMS तक पहुंच और यहां तक कि डिफॉल्ट मैसेजिंग ऐप बनने की क्षमता।

मालवेयर कर सकता है ठगी

व्रोम्बा परिवार का यह मैलवेयर पहले ही 4,400 से ज्यादा डिवाइस को संक्रमित कर चुका है। यह OTP और अन्य मैसेज को इंटरसेप्ट करता है, जिससे हैकर्स पीड़ितों के ई-कॉमर्स अकाउंट तक पहुंच सकते हैं। फिर वे गिफ्ट कार्ड खरीदते हैं और खर्च करते हैं, जिससे सीधे फंड ट्रांसफर का कोई निशान नहीं रह जाता।जालसाज इस तरीके अब तक लोगों से 16 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं।

ऐसी ठगी का शिकार होने से कैसे बचें?

ऐसी ठगी का शिकार होने से बचने के लिए कभी भी ऐसा कोई मैसेज आने पर घबराएं नहीं। कभी भी ई-चालान को भरने के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइट या ऐप का ही उपयोग करें।किसी भी अनजान नंबर से आए मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक ना करें और निर्देशों का पालन ना करें। अपने डिवाइस में कोई अनजान ऐप इंस्टॉल ना करें, इससे आप सभी का शिकार हो सकते हैं।

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