नई दिल्ली. राजधानी में अक्सर घरेलू सहायक और सहायिका लूट एंव डकैती की वारदात को अंजाम देते हैं. बावजूद इसके लोग इनको रखते समय सावधानी नहीं बरतते. समय बचाने की सोच के चक्कर में वारदात बढ़ रही हैं. प्रत्येक मालिक की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह इनका सत्यापन पुलिस से जरूर कराएं. अदालत ने यह टिप्पणी एक सहायिका को सजा सुनाते हुए की.

द्वारका स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय सिंह शेखावत की अदालत ने दोषी 37 वर्षीय पूजा उर्फ सबिया खातून को 7 साल की सख्त कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि लोगों की लापरवाही का फायदा इस तरह के अपराधी आसानी से उठाते हैं. वारदात के समय 75 वर्षीय महिला को गंभीर रूप से जख्मी किया गया था. मौके पर पहुंचे रिश्तेदारों की वजह से बुजुर्ग को समय से अस्पताल पहुंचाया गया, जिससे उनकी जान बच पाई.

कोर्ट ने कहा, पुलिस की खामी निकालना गलत पीड़ित महिला और उनके पति ने अदालत में दिए बयान में कहा कि उन्होंने समय ना होने के चलते घरेलू सहायिका का सत्यापन नहीं कराया था. उन्हें लगता था कि इससे समय खराब होगा. अदालत ने बुजुर्ग दंपति के इसी बयान पर मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि लोगों की इस तरह की सोच के कारण ही घरेलू सहायक और सहायिकाओं द्वारा गंभीर वारदात को अंजाम दिया जा रहा है. इसमें पुलिस की खामी निकालना गलत होगा. लोग पुलिस तक तब पहुंचते हैं जब बड़ी दुर्घटना हो जाती है. अदालत ने दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह पीड़ित बुजुर्ग को उचित मुआवजा दे.

4-5 दिन पहले ही शुरू किया था काम अतिरिक्त लोक अभियोजक (सरकारी वकील) वी.के. स्वामी ने अदालत में दलील पेश करते हुए कहा कि घरेलू सहायिका पूजा ने घटना से 4-5 दिन पहले ही जनकपुरी इलाके के इस घर में काम शुरू किया था. 24 मई 2018 की दोपहर को घर में बुजुर्ग महिला को अकेला पाकर उसने अपने पति को बुला लिया और घर में रखे 1 लाख रुपये और ढाई लाख रुपये के जेवरात लेकर फरार हो गए.

डोजियर में पहले से नाम दर्ज था बिहार की रहने वाली पूजा उर्फ सबिया खातून और उसके पति का नाम पुलिस डोजियर में पहले से मौजूद था. इनके खिलाफ न्यू फ्रेंडस कॉलोनी में इसी तरह की वारदात को अंजाम देने का मुकदमा दर्ज था. पुलिस ने इसी डोजियर से दंपति की पहचान पीड़ित परिवार से करवाई थी. एक जून 2018 को पूजा को बिहार के सिवान जिले से गिरफ्तार किया गया था.

बुजुर्गों की देखभाल के लिए ये कदम उठाएं

● पहले पुलिस सत्यापन कराएं

● पहचान संबंधी दस्तावेज की प्रति लें

● जिस घर में बुजुर्ग अकेले रहते हैं, उनका पंजीकरण स्थानीय पुलिस स्टेशन में कराएं, ताकि पुलिस समय-समय पर उनका हाल-चाल लेती रहेें

● इनको रखते समय उनका किसी परिचित से ताल्लुक होना सुनिश्चित करें. किसी अनजान महिला या व्यक्ति को घर में प्रवेश ना करने दें