पंकज भदौरिया, दंतेवाड़ा। बस्तर में वन तस्कर लंबे समय से इमारती लकड़ी सागौन की तस्करी कर रहे हैं. जिसके चलते इस ईमारती लकड़ी विलुप्ति की कगार पर है. वन विभाग की सुस्ती का फायदा तस्कर उठा रहे हैं.  कटेकल्याण विकासखण्ड के ऐड़पाल और चिंगाबारम गांव के बीच मुख्य सड़क पर ही सागौन के पांच पेड़ों की बलि देकर तस्करों के आरा चलाते दिखाई दिए.

हैरानी की बात है कि तस्कर बीच सड़क पर इस कदर लकड़ी पर आरा चला रहे हैं जैसे उन पर वन विभाग की कोई कार्रवाई नहीं होने वाली है. ऐड़पाल के पास जितनी लकड़ी तस्कर काट रहे हैं, अनुमानित 1 ट्रक से अधिक लकड़ी होगी. नक्सलग्रस्त इलाके का फायदा उठाकर इस तरह से दिन-दहाड़े बेखौफ वन कटाई का नज़ारा दंतेवाड़ा- सुकमा जैसे ही जगहों में देखने को मिल सकता है.

बता दें कि एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त में बताया कि लकड़ी की कटाई लम्बे समय से इस इलाके में चल रही है. जहां से लकड़ी जगदलपुर और दंतेवाड़ा तस्कर ले जाकर ऊंचे दामों में बेचते हैं. हालांकि अभी इस बात का पता नही चल पाया है कि इस तरह से ईमारती लकड़ी को कौन कटवा रहा है. यह बात तो फारेस्ट विभाग की कार्रवाई के बाद ही पता चल सकता है.

एसडीओ मनमोहन नायक को जब इस पूरे मामले की जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि तत्काल मौके फारेस्ट एस्क्वॉयड की टीम रवाना कर पूरी लकड़ी जब्त की जाएगी.