गौरव जैन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। मृत भालू के पंजे, नाखून एवं गुप्तांग काट कर ले जाने वाले आरोपियों को 18 घंटे के भीतर वन विभाग ने पकड़ने में कामयाबी पाई है. आरोपियों के विरूद्ध वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कार्यवाही करते हुए न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने की कार्यवाही की जा रही है. इसे भी पढ़ें : ED ACTION : प्रवर्तन निदेशालय ने डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट की 15 अचल संपत्तियों को किया सीज

दो दिन पहले मरवाही वनमंडल के मरवाही वन परिक्षेत्र के लटकोनी खुर्द परिसर के जंगलो में पहाड़ी पर एक नर शावक भालू उम्र लगभग 5 माह की मृत्यु होने की सूचना मिली थी. पोस्ट मार्टम में भालू की मौत कुत्तों के हमले से होना पाया गया था, वहीं भालू के आगे पैर के दोनों पंजे, पिछले पैर का नाखून एवं गुप्तांग गायब पाए गए थे. पोस्टमार्टम के बाद भालू का वन अधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया.

वहीं दूसरी ओर भालूओं के अंग को काटकर ले जाने वाले अज्ञात अपराधियों की धर-पकड़ के लिए वन अमले ने जंगल सफारी रायपुर से डॉग स्कवायड की टीम को बुलाया था. घटना के 18 घण्टे के भीतर आरोपी अयोध्या उर्फ आदेश पिता सखन यादव, अमृत लाल पिता टेर सिंह गोंड़ और भाव सिंह वल्द धिरपाल गोंड़ – तीनों निवासी लटकोनीखुर्द को पकड़ लिया गया.

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आरोपियों ने पूछताछ में मृत भालू के आगे पैर के दोनों पंजे, पिछले पैर का नाखून और गुप्तांग पास रखना स्वीकार किया. घटना में प्रयुक्त कुल्हाड़ी जप्ती कर आरोपियों से और पूछताछ की जा रही है. तीनों आरोपियों के विरूद्ध वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कार्यवाही करते हुए न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने की कार्यवाही की जा रही है.

टोने-टोटके के लिए होता है इस्तेमाल

बता दें कि भालू-शेर जैसे वन्य प्राणियों के दांत और नाखून का टोने-टोटके के लिए इस्तेमाल किया जाता है. जहां तक भालू की बात है, उसके दांत और बालों को बीमार बच्चों के गले बांधने से ठीक होने का अंधविश्वास आज भी बरकरार है. यही वजह है कि लोग दांत, नाखून और बालों के लिए भालू की हत्या तक कर देते हैं.