अमित शर्मा, श्योपुर। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से ठीक पहले संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए दो जिला सदस्यों में से एक सदस्य 2 दिन बाद शनिवार की सुबह घर वापस लौट आए। दोनों ने अज्ञात लोगों के द्वारा कमरे में बंद करके रखने की बात मीडिया को बताई। दोनों ने कहा कि कमरे में बंद होने के कारण चुनाव में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने बीजेपी पर लग रहे अपहरण के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मेरी पार्टी के लोग मेरा अपहरण नहीं कर सकते।
बता दें कि बीते शुक्रवार को आयोजित हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से ठीक पहले जिले के दो नवनिर्वाचित जिला सदस्य संदीप दर्शन शाक्य और गिरधारी लाल बेरवा जो बीजेपी के महामंत्री भी हैं संदिग्ध परिस्थितियों में कहीं लापता हो गए थे। इसे लेकर कांग्रेस सत्ताधारी भाजपा पार्टी के इशारे पर मुरैना जिले के 3 थानों की पुलिस कर्मियों के द्वारा दोनों सदस्यों के अपहरण करने के आरोप लगा रही थी। कांग्रेस लगातार हंगामा और प्रदर्शन भी किया गया था।
शुक्रवार को जिला पंचायत के चुनाव में भी यह दोनों सदस्य शामिल नहीं हुए थे। इस वजह से 11 में से महज 9 जिला सदस्यों ने वोटिंग की। चुनावी परिणाम भाजपा के पक्ष में रहे थे। शनिवार सुबह 2 में से एक सदस्य गिरधारी लाल बेरवा घर वापस लौट आए हैं। उन्होंने भाजपा नेताओं के साथ पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर लग रहे आरोपों को खारिज किया।
अपहृत गिरधारी लाल बेरवा की जुबानी पूरी कहानी
गिरधारी लाल बेरवा ने कहा कि जनता चाहती थी कि मैं जिला पंचायत का उपाध्यक्ष बनूं। मेरी पार्टी ने मना किया तो कांग्रेसियों ने मुझे उपाध्यक्ष बनाने का आश्वासन दिया था। मैं रुपए पैसे के लिए किसी के साथ नहीं गया था। सिर्फ उपाध्यक्ष बनने की मेरी इच्छा थी। फिर उन्होंने मुझे उपाध्यक्ष बनाने से मना कर दिया। इसके बाद किसी ने मुझे कमरे में कैद कर लिया था, जिससे मैं चुनाव में शामिल नहीं हो सका। शनिवार की रात कोई मेरी आंखों पर पट्टी बांधकर जिले की सीमा के भीतर सेसईपुरा के पास छोड़ दिया।
अक्षर नहीं पढ़ पाईं तो टीचर ने बच्चियों को तमाचे जड़े, VIDEO हुआ वायरल
कांग्रेस के नेताओं ने हमारे दलित नेता को बंधक बनाकर रखा
इस बारे में भाजपा जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जाट ने कहा कि जानकारी होते ही हमने तीन-चार दिन पहले ही कहा था कि कांग्रेस के नेताओं ने हमारी पार्टी के जिला महामंत्री एवं जिला सदस्य गिरधारी लाल बेरवा का कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने अपहरण कर लिया है। मामला मीडिया में भी आया था। इसके बाद कांग्रेस के नेताओं ने उल्टा हमारी पार्टी के नेताओं पर और पुलिस पर ही उनकी अपहरण के आरोप लगा दिए थे। बीजेपी अपने पार्टी के नेता का क्यों अपहरण करने लगी। उपाध्यक्ष बनाने की बात इनसे हो रही है। इनके सदस्यों का अपहरण क्यों नहीं होता। पुलिस भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री को ही क्यों उठाएगी। अगर पुलिस उठाती तो वोट डालने से वंचित क्यों रखती। उन्होंने गलत तरीके से इन को अपने पास रखा। एक दलित समाज के व्यक्ति को वोट डालने से वंचित रखा। क्योंकि वह जानते थे कि अगर गिरधारी लाल बेरवा वोट डालने आते तो वह बीजेपी के पक्ष में ही वोट करते। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर जमकर निशाना साध कर उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक