एक शक और दूसरा वहम ये ऐसे कीड़े माने जाते हैं जो अगर किसी के दिमाग में घर कर लेते हैं तो उसका जीवन तबाही की कगार पर पहुंच जाता है. अब सवाल ये है कि आख़िर शक और वहम पनपते कैसे हैं? ज्योतिष शास्त्र के पास इस बात का सटीक जवाब है कि क्यों और कैसे व्यक्ति के जीवन में वहम की एंट्री होती है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वहम की समस्या मन से पैदा होती है और इसका मुख्य ग्रह चन्द्रमा होता है. चन्द्रमा के साथ छाया ग्रहों का संबंध वहम को जन्म देता है. वहम और डर मन से जुड़ी हुई समस्या है. इसमें सबसे बड़ी भूमिका चन्द्रमा की होती है. चन्द्रमा ज्यादातर मन में डर पैदा करता है. दूसरी भूमिका राहु की होती है. राहु मन में ज्यादातर वहम पैदा करता है. राहु और चन्द्रमा की स्थिति मन में विचित्र समस्याएं पैदा करती है.

कहा जाता है सबसे ज्यादा वहम की संभावनाएं वायु तत्व की राशियों में होती हैं और इसके बाद जल तत्व की राशियों को वहम की अधिक बीमारी होती है. चन्द्रमा के बहुत कमजोर होने पर, चन्द्रमा पर शनि का प्रभाव होने पर. खराब चन्द्रमा की दशा चलने पर, चन्द्रमा केतु का संबंध होने पर या मूलांक 04, 07 या 08 होने पर इंसान के अंदर डर पैदा होने की संभावना बढ़ती है.

क्यों होता है वहम

ज्योतिष के अनुसार गलत रत्न पहनने पर भी वहम की स्थितियां पैदा हो जाती हैं. तो वहीं गलत मंत्र जप भी समस्या दे देते हैं. इसलिए कहा जाता है कि ऐसा कुछ भी पहनने या करने से पहले ज्योतिषियों की राय जरूर ले लें.

इस कारण पैदा होता है वहम

रोजाना स्नान न करने से और साफ़-सफ़ाई से न रहने पर वहम की स्थितियां पैदा हो सकती है. गलत और खराब संगति में रहने से भी भ्रम की बीमारी लगती है. जो लोग हरे वृक्ष काटते हैं या जिन्हें नशे की आदत होती है, ऐसे लोगों में अधिक वहम देखा जाता है.

वहम को दूर करने के करें ये उपाय

रोज़ाना प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें और प्रातः 108 बार गायत्री मंत्र का जप करें. इसके अलावाअ अगर हो सके तो पूर्णिमा का व्रत ज़रूर रखें. ज्योतिश की सलाह लेकर हाथ में पन्ना या पीला पुखराज धारण करें. जितना हो सके चन्दन की सुगंध का प्रयोग करें.

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