चंकी बाजपेयी, इंदौर। भारत में कोरोना संक्रमण के बाद लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए है लेकिन कई नई बीमारियों ने भी दस्तक दी है। एक ओर हार्ट अटैक की घटना बढ़ रही तो वहीं केवल चेहरे पर लकवे यानी बेल्स पाल्सी नामक बीमारी के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। समय पर इलाज शुरू हो तो 95% मरीज सही हो सकते हैं।

ओपीडी में रोज 2-3 नए मामले

ठंड बढ़ते ही इंदौर में एक बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है। एमवाय में बेल्स पाल्सी के 50 केस बीते करीब एक से डेढ़ माह में सामने आए है। जी हां, इंदौर में ठंड बढ़ते ही अचानक एक अजीब बीमारी ने दस्तक दे दी है। एमवाय अस्पताल में पिछले एक महीने में करीब 50 मरीज आधे चेहरे के लकवे यानी बेल्स पाल्सी के लक्षण लेकर पहुंचे हैं। ओपीडी में रोज 2-3 नए मामले आ रहे हैं।

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प्रभावितों को आंख बंद करने में दिक्कत

फिजियोथैरेपी विभाग के प्रभारी डॉ मनीष गोयल के अनुसार ठंड, वायरल इंफेक्शन या चेहरे की नस में सूजन के कारण चेहरे का आधा हिस्सा इस बीमारी से प्रभावित होता है। मुस्कान टेढ़ी और प्रभावितों को आंख बंद करने में दिक्कत होती है। ये लक्षण 48-72 घंटे में साफ दिखने लगते हैं। समय पर इलाज शुरू हो जाए तो 95% मरीज ठीक हो जाते हैं। फिजियोथेरपी विभाग ने इसे गंभीर संकेत बताया है। अस्पताल के रेडियोग्राफर भी इसका शिकार हुआ है। डॉक्टरों ने ठंड से बचाव और तुरंत जांच की सलाह दी है।

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