बिहार में वोटर लिस्ट संशोधन को लेकर जमकर बवाल हो रहा है। इस मुद्दे पर विपक्षी दल लगातार संसद के दोनों सदनों में विरोध जता रहे हैं। बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी (RJD) खास तौर पर SIR के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए हैं। अब बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी इसके खिलाफ खुलकर सामने आ गई हैं। ममता सरकार की ओर से चुनाव आयोग को भेजे पत्र में कहा कि बंगाल फिलहाल इस बदलाव के लिए तैयार नहीं है। इसके लिए दो साल का समय मांगा है।
बता दें कि, बंगाल में अगले साल चुनाव होने वाले हैं और SIR अब वहां भी लागू किया जाएगा। हालांकि, ममता बनर्जी ने पहले ही इसके लिए आनाकानी करनी शुरू कर दी है। बंगाल सरकार ने कहा कि इसके लिए कम से कम दो साल का समय मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ एक तमाशा भर है।
हाल ही में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर कहा था कि बंगाल एसआईआर के लिए तैयार है, लेकिन अब बंगाल सरकार ने उस पत्र को अस्वीकार कर दिया है. मुख्य सचिव ने आनन-फानन में आयोग के सीईओ कार्यालय को एक पत्र भेजकर राज्य की स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी समय नहीं आया है. इसके अलावा, सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव पंत द्वारा भेजे गए पत्र में नाराजगी भी जताई गई है. उस पत्र में यह सवाल भी उठाया गया है कि सीईओ कार्यालय ने राज्य से परामर्श किए बिना आयोग को पत्र क्यों भेजा?
वहीं, बीजेपी ममता सरकार के इस रुख को हल्के में नहीं ले रही है. केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘सब कुछ समझ में आता है. वे किसी भी तरह से एसआईआर को रोकने के लिए बेताब हैं क्योंकि, अगर मतदाता सूची का व्यापक संशोधन हुआ, तो रोहिंग्याओं के वोटों से जीती यह सरकार हार जाएगी. हालांकि, आयोग देश की संप्रभुता को बचाने के लिए कदम जरूर उठाएगा.’
SIR के साथ एक तमाशा चल रहा- टीएमसी
दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता अरूप चक्रवर्ती ने दावा किया, ‘SIR के साथ एक तमाशा चल रहा है. राहुल गांधी ने जानकारी उठाकर वोट चोरी दिखाई है. चुनाव आयोग को पहले उन्हें जवाब देना चाहिए.’ SIR को लेकर आयोग और विपक्ष के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है. यह टकराव बिहार में SIR का चरण पूरा होने के कुछ समय बाद ही शुरू हो गया था.
ममता बनर्जी क्यों कर रही हैं SIR का विरोध?
सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ममता को बंगाल में SIR से क्या आपत्ति है? अब तक उनकी पार्टी की ओर से इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है, सिवाय इसके कि इस प्रक्रिया में काफी गड़बड़ियां हैं। ममता बनर्जी तो SIR की तुलना करते हुए कह चुकी हैं कि यह प्रदेश में एनआरसी लागू करने की साजिश है। इसे कुछ लोगों को परेशान करने के उद्देश्य से लाया गया है और इसलिए वह बंगाल में इसे लागू नहीं करने देंगी।
SIR का विरोध करने वाले दलों में टीएमसी भी शामिल
संसद में बिहार में वोटर संशोधन प्रक्रिय पर कांग्रेस, आरजेडी, लेफ्ट पार्टियों के साथ टीएमसी भी जमकर विरोध कर रही है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, काकोली घोष समेत कई अन्य सांसदों ने इस प्रक्रिया का विरोध करते हुए कहा है कि इसमें बहुत खामियां हैं। ममता बनर्जी पहले ही वोटर संशोधन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कह चुकी हैं कि यह कुछ लोगों को परेशान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है और सिर्फ एक नाटक भर है। तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता अरूप चक्रवर्ती ने कहा कि वोट चोरी को लेकर लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने गंभीर सवाल उठाए हैं। चुनाव आयोग को पहले उन सवालों का जवाब देना चाहिए।
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