Atul Subhash Suicide Case: बेंगलुरु के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में सिटी सिविल कोर्ट बेंगलुरु (Bengaluru) ने पत्नी निकिता सिंघानिया (Nikita Singhania) समेत सभी चार आरोपियों को जमानत दे दी है. अतुल सुभाष ने अतुल ने अपनी मौत के लिए पत्नी निकिता और ससुराल वालों को ही जिम्मेदार ठहराया था. मामले में पुलिस ने 16 दिसंबर को पत्नी निकिता, सास निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया समेत तीनों को पुलिस ने प्रयागराज और गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था.
बेंगलुरु सिटी कोर्ट ने शनिवार को जमानत से पहले दोनों पक्षों की दलीले सुनी. कोर्ट में निकिता सिंघानिया के वकील ने पुलिस द्वारा की गई उनकी गिरफ्तारी काे अवैध ठहराया और गिरफ्तारी के लिए उचित आधारों की अनुपस्थिति का हवाला दिया. आरोपियों को जमानत ऐसे समय पर मिला है, जब घटना के बारे में पूरी जानकारी जुटाने जांच की जा रही है.
अतुल मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे और उनके ससुराल वाले मूल रूप से जौनपुर के है. जौनपुर के फैमिली कोर्ट में अतुल सुभाष के खिलाफ दहेज प्रथा और मारपीट के एक केस समेत तीन केस चल रहे है. अतुल ने अपने आरोप में कहा था कि केस को निपटाने के लिए जज रीता कौशिक ने 5 लाख रुपये मांगे थे. केस की अगली सुनवाई 12 जनवरी को होनी है. अतुल ने अपने आरोप में कहा था कि जज रीता कौशिक ने मामले को निपटाने के लिए उनसे 5 लाख रुपए भी मांगे थे.
बता दें कि अतुल ने 9 दिसंबर को खुदकुशी कर ली थी. उन्होंने मरने से पहले 1 घंटे 23 मिनट का वीडियो और 24 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा था. अतुल ने इसमें पत्नी और ससुराल वालों पर झूठे केस लगाकर जबरदस्ती पैसे वसूलने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.
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