खरगोन। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बदहाल है। हजारों करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं कर पा रहा है। प्रदेश के खरगोन में इसकी बानगी देखने को मिली है। ऐसा लगता है कि प्रदेश के बीमार स्वास्थ्य सिस्टम को खुद दवा की जरूरत है।
मामला कसरावद के स्वास्थ्य केंद्र का है। जहां एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति सामने आई है। यहां 14 वर्षीय नाबालिग और पुलिस मेडिकल जांच के लिए घंटों भटकते रहे। आखिर में उन्हें महिला डॉक्टर उपलब्ध न होने का हवाला देते हुए पीड़िता को खरगोन जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
रात 12 बजे हुआ मेडिकल
वहीं रात करीब 12 बजे खरगोन जिला अस्पताल में मौजूद डॉ. रानू रघुवंशी ने नाबालिग का मेडिकल किया। यह स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को दर्शाती है, क्योंकि कसरावद स्वास्थ्य केंद्र पर पहले से महिला डॉक्टर की नियुक्ति होने के बावजूद मेडिकल नहीं किया गया।
सड़क हादसे में मालवाहक चालक की मौतः डोडाचूरा से भरा वाहन पलटा, क्रेन से निकाला चालक का शव
जानकारी के अनुसार, कसरावद स्वास्थ्य केंद्र पर रात के समय महिला डॉक्टर मेडिकल जांच करने से बचती हैं। ऐसे में पीड़िता और पुलिस को मजबूरन 35 किलोमीटर दूर खरगोन जिला अस्पताल जाना पड़ा। वहीं जब मामले को लेकर लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने सवालों के जवाब देने से बचने का प्रयास किया। मामला स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही को उजागर करती है। सवाल यह उठता है कि यदि कसरावद स्वास्थ्य केंद्र पर महिला डॉक्टर नियुक्त हैं, तो रात में पीड़ितों को जिला अस्पताल क्यों भेजा जाता है?
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक