नई दिल्ली। देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रांसफर होने वाले केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सार्वजनिक संस्थान, प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ-साथ रक्षा कर्मी अब अपने निजी वाहनों का पंजीयन BH (भारत) सीरीज में करा सकते हैं. इससे उन्हें हर राज्य में गाड़ी का पंजीयन कराने की समस्या से दो-चार नहीं होना पड़ेगा. हालांकि, सड़क परिवहन मंत्रालय के इस नए नोटिफिकेशन में BH पंजीयन को स्वैच्छिक रखा गया है.

वर्तमान में कोई भी वाहन मालिक अपनी गाड़ी को रजिस्टर्ड राज्य के अलावा दूसरे राज्य में अधिकतम एक साल के लिए ही रख सकता है. 12 महीने खत्म होने की स्थिति में एक बार फिर से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. BH सीरीज को इसलिए शुरू किया गया है, जिससे निजी वाहनों का ट्रांसफर बेहद आसानी से और किसी परेशानी के बिना किया जा सके. ये उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होगा, जिनका बार-बार ट्रांसफर होने की संभावना ज्यादा होती है और उन्हें अपनी गाड़ी दूसरे राज्यों में ले जानी होती है.

BH सीरीज (भारत सीरीज) के वाहनों के लिए दूसरे राज्य में जाने पर दोबारा रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी. वाहन मालिकों के पास BH सीरीज का ऑप्शन उपलब्ध होगा. इस स्थिति में उन्हें दो साल का रोड टैक्स या उससे ज्यादा का भुगतान करना होगा. इसमें आपको आरटीओ के पास जाने की भी जरूरत नहीं होगी. इस पूरी प्रक्रिया को इसी के चलते ऑनलाइन रखा गया है. इससे पहले मंत्रालय ने “IN” सीरीज का प्रस्ताव रखा था. इसने यह भी प्रस्ताव दिया गया था कि कम से कम पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ऑफिस वाली निजी फर्मों के कर्मचारी इसका फायदा ले सकेंगे.

पूरे देश के लिए एक की व्यवस्था

वर्तमान में प्राइवेट गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के दौरान 15 साल के रोड टैक्स का भुगतान करना होता है. वहीं दूसरे राज्यों में जाने पर उन्हें फिर से 10 या 12 सालों के रोड टैक्स का भुगतान करना होता है, साथ ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया से दोबारा गुजरना होता है. ऐसे में उन्हें पहले राज्य में भुगतान की गई राशि के दावा करने की जरूरत होती है.

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अब बीएच सीरीज में 10 लाख तक की लागत के वाहन के लिए 8 फीसदी 10 से 20 लाख की गाड़ी के लिए 10 फीसदी और 20 लाख से ज्यादा की गाड़ी के लिए 12 फीसदी टैक्स तय किया गया है. वहीं डीजल वाहनों के लिए 2% अतिरिक्त शुल्क और इलेक्ट्रिक वाहनों पर 2% कम टैक्स लगाया जाएगा. चौदह साल पूरे होने के बाद मोटर वाहन पर सालान कर लगाया जाएगा, जो पहले वसूल की गई राशि का आधा होगा.