सहारनपुर. जानलेवा हमले में बाल-बाल बचे भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी (आसपा) प्रमुख चंद्रशेखर के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के लिये विभिन्न राजनीतिक दल के नेताओं की यहां आवाजाही का सिलसिला जारी है, लेकिन भीम आर्मी कार्यकर्ताओं को इस बात का मलाल है कि दलितों की राजनीति करने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने अब तक उनके मुखिया के स्वास्थ्य के बारे में कोई दिलचस्पी नहीं ली है.

दरअसल, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर हमले के बाद सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल सपा समेत लगभग सभी राजनीतिक दलों ने कायराना हमले की भर्त्सना की है. इस हमले में चंद्रशेखर मामूली रूप से घायल हो गये थे. हमले के चारों आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया गया है. हमले के बाद से ही भीम आर्मी प्रमुख के छुटमलपुर स्थित आवास पर जाकर राजनेता उनके साथ खड़े होने का भरोसा दे रहे हैं.

वहीं भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के नेताओं को इस बात का मलाल है कि दलित समाज की राजनीति करने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती और उनकी पार्टी पूरे मामले से अभी तक पूरी तरह से दूरी बनाए हुए हैं. ना तो मायावती की ओर से इस हमले की निंदा की गई है और ना ही उनके किसी नेता ने चंद्रशेखर से मुलाकात कर सहानुभूति ही जताई है.

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