Bhisma Panchak 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के अंतिम पांच दिन भीष्म पंचक कहलाते हैं. इस वर्ष यह पवित्र पर्व 1 नवंबर से 5 नवंबर तक मनाया जाएगा. इसे व्रत, भक्ति और मोक्ष प्राप्ति का काल माना गया है. यह माना जाता है कि जो व्यक्ति कार्तिक के इन अंतिम पांच दिनों में दीपदान और भगवान विष्णु की आराधना करता है, वह जन्म-मरण के बंधन से मुक्त होकर ईश्वर की शरण में स्थान प्राप्त करता है.
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महाभारत के अनुसार, जब भीष्म पितामह शरशय्या पर लेटे हुए थे, तब भगवान श्रीकृष्ण स्वयं उनके समीप उपस्थित हुए. श्रीकृष्ण ने कहा, “भीष्म, तुम्हारा यह तप और व्रत स्वयं धर्म का स्वरूप है.” जो भी व्यक्ति इन पांच दिनों में श्रद्धा से व्रत करेगा, उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी. इसी कारण इन दिनों को भीष्म पंचक व्रत कहा गया.
Bhisma Panchak 2025. शास्त्रों में उल्लेख है कि भीष्म पितामह ने जीवन के अंतिम पांच दिन विष्णु भक्ति, उपवास और सत्य के संकल्प में बिताए थे. तभी से यह परंपरा चली कि भक्त इन दिनों में व्रत, दान, गंगा स्नान और तुलसी पूजन कर पुण्य अर्जित करते हैं.
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