अविनाश श्रीवास्तव/ सासाराम। भोजपुरी कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। सासाराम की मशहूर लोक गायिका और नृत्यांगना बिजली रानी का निधन हो गया है। वह करीब 65 वर्ष की थीं और लंबे समय से गुर्दा रोग (किडनी की बीमारी) से पीड़ित थीं। बीते कुछ दिनों से उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी जिसके चलते उन्हें सासाराम के सदर अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर लगातार इलाज में जुटे थे, लेकिन 24 अक्टूबर की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।

गीत लोगों की जुबान पर रहते थे

बिजली रानी का नाम भोजपुरी स्टेज गायिकी और नृत्य के क्षेत्र में बड़ा सम्मान रखता था। उन्होंने अपने गीतों और नृत्य से न सिर्फ सासाराम और रोहतास जिले में बल्कि पूरे बिहार और उत्तर प्रदेश में अपनी खास पहचान बनाई थी। उनके कार्यक्रमों में हजारों लोग जुटते थे। शादी-ब्याह, मेलों और सांस्कृतिक आयोजनों में उनके गीत लोगों की जुबान पर रहते थे।

सभी प्रयास बेअसर साबित हुए

जानकारी के अनुसार कुछ महीने पहले भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार पवन सिंह ने बिजली रानी की हालत को देखते हुए उन्हें लखनऊ बुलाकर इलाज करवाया था। वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी उनके इलाज में हर संभव सहायता का आश्वासन दिया था। मगर बीमारी इतनी बढ़ चुकी थी कि सभी प्रयास बेअसर साबित हुए।

कभी हार नहीं मानी

बिजली रानी रोहतास जिले के नटवार गांव की रहने वाली थीं। वहीं से उन्होंने अपने संगीत और नृत्य की शुरुआत की थी। गांव के छोटे आयोजनों से लेकर बड़े स्टेज तक का उनका सफर बेहद संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने भोजपुरी मंचों पर एक अलग पहचान बनाई। उनके निधन की खबर मिलते ही पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई। नटवार गांव में उनकी शव यात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और कलाकार शामिल हुए। सभी ने नम आंखों से अपनी प्रिय कलाकार को अंतिम विदाई दी। उनकी बेटी रेखा रानी अंतिम समय तक उनके साथ मौजूद रहीं।

भोजपुरी ने आज एक सच्चा हीरा खो दिया

सोशल मीडिया पर भी बिजली रानी को लेकर शोक संदेशों की बाढ़ आ गई है। कई भोजपुरी कलाकारों और फैंस ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि भोजपुरी ने आज एक ऐसी हस्ती खो दी है, जिसने लोककला को सम्मान और पहचान दिलाई। एक फैन ने लिखा बिजली रानी हम सब नए कलाकारों की प्रेरणा थीं। भोजपुरी ने आज एक सच्चा हीरा खो दिया।

संघर्ष की मिसाल था

बिजली रानी का जीवन लोककला के प्रति समर्पण और संघर्ष की मिसाल था। उन्होंने न केवल अपनी आवाज़ से, बल्कि अपने व्यक्तित्व से भी लोगों के दिलों में जगह बनाई। आज भले ही वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके गीत, उनकी मुस्कान और मंच पर उनका जोश हमेशा याद किया जाएगा।