कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के गैंगस्टर यासीन मछली परिवार की संपत्तियां जमीदोज करने के मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान भोपाल कलेक्टर, एसडीएम, डीसीपी क्राइम सहित तीन निजी बैंकों के अधिकारी कोर्ट में पेश हुए। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता एचएस रूपराह ने कोर्ट को बताया कि कार्रवाई विधि अनुसार ही की गई है। वहीं यासीन मछली के परिवार की बैंक खाते को अनफ्रीज करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

13 अक्टूबर तक विस्तृत जबाव प्रस्तुत करने कहा

जस्टिस विशाल मिश्रा की सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख राज्य सरकार से 13 अक्टूबर तक विस्तृत जबाव प्रस्तुत करने को कहा है। भोपाल निवासी साजिदा बी एवं अन्य 7 लोगों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। कहा गया कि उनके नाम एफआईआर में नहीं है ना ही उनके खिलाफ किसी अपराध की जांच चल रही है। इसके बावजूद भी यासीन उर्फ  मछली के खिलाफ एफआईआर दर्ज होते ही 21 अगस्त 2025 को उनकी संपत्तियां ध्वस्त कर दी गई। बैंक खाते फ्रीज व ईमेल भी ब्लॉक कर दिए गए।

यासीन मछली के गुनाहों की फेहरिस्त लंबी

तर्क दिया गया कि जब प्रशासन ने संपत्ति ध्वस्त करने को लेकर कार्रवाई करने के पूर्व नोटिस नहीं दिया। उचित वैधानिक प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई। अदालत को बताया गया कि अन्य लोग भी सरकारी जमीन पर रह रहे हैं, लेकिन केवल उनके खिलाफ ही कारवाई की गई। शुक्रवार को कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट में पेश होकर भोपाल कलेक्टर व डीसीपी ने बताया कि यासीन मछली के गुनाहों की फेहरिस्त लंबी है। कारवाई वैधानिक तरीके से की गई है। कोर्ट ने इस पर विस्तृत जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

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