भोपाल। राजधानी भोपाल में छात्रा से गैंगरेप के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीन थानेदार समते छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. इस मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई थी. पुलिस की कार्यशैली को लेकर सरकार के ऊपर उंगली उठने लगी थी. जिसके बाद अब तीन टीआई, दो एसआई और एक सीएसपी को हटा दिया गया.
आपको बता दें कि भोपाल में यूपीएससी की कोचिंग कर लौट रही एक छात्रा के साथ चार युवकों ने हैवानियत की. इसके बाद जब पीड़िता पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने गई तो पुलिस पीड़िता को सीमा विवाद के चक्कर में एक थाने से दूसरे थाने भेजती रही और चौबीस घंटे तक पीड़ित लड़की की शिकायत दर्ज नहीं की.
पुलिस की इस कार्यशैली को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और विपक्षी दल कांग्रेस ने हबीबगंज थाना के सामने जमकर प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने पुलिस की इस संवेदनहीनता की वजह से गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की थी. बता दें कि जहा यह शर्मनाक वारदात हुई उससे 100 मीटर की दूरी पर जीआरपी का, 100 मीटर पर आरपीएफ का थाना और तकरीबन 100 से 150 मीटर की दूरी पर एमपी नगर पुलिस थाना मौजूद है इसके बावजूद किसी ने पीड़ित लड़की की एफआईआर दर्ज नहीं की.
आपको यह भी बता दें कि एमपी में पिछले 48 घंटे में रेप की 3 शिकायतें दर्ज हुई हैं. 31 अक्टूबर की शाम भोपाल में यूपीएससी की कोचिंग कर लौट रही छात्रा से गैंगरेप हुआ तो 1 नवंबर को भोपाल के शाहपुरा इलाके के स्कूल में प्रिंसिपल ने छात्रा के साथ दुष्कर्म किया. प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया है. आज ही कटनी में जीएआऱपी के सिपाही पर नाबालिग से रेप का केस दर्ज हुआ है.