भोपाल। मध्यप्रदेश में डॉक्टरों ने (MP Doctors Strike) मंगलवार को सुबह 11 बजे ही ओपीडी बंद कर दी। संविदा कर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी के बंगले का घेराव किया। हड़ताल के चलते मरीजों और उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। मरीज इलाज के लिए दर-दर भटकते नजर आए। अस्पताल के बाहर घंटों बैठे रहे। इधर प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि संविदा स्वास्थ्य कर्मियों से संवाद स्थापित कर उनकी मांगो के निराकरण के लिए आवश्यक कदम उठाएं, ताकि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चलें और आम जनता एवं गंभीर मरीजों को असुविधा ना हो।
शब्बीर अहमद, भोपाल। भोपाल में भी मरीज और उनके परिजन इलाज के लिए भटकने को मजबूर हुए। मरीजों ने कहा कि हड़ताल की हमें कोई जानकारी नहीं है। एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए कह रहा है। कोई डॉक्टर नहीं मिल रहा है। वहीं डॉक्टरों ने कहा कि अबकी बार आश्वासन नहीं आदेश चाहिए। जब तक आदेश नहीं आएगा तब तक हड़ताल खत्म नहीं होगी।
कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। प्रदेश भर के साथ ही ग्वालियर में भी डॉक्टर डीएसीपी सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि कल से वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। क्योंकि सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं कर रही है। देशभर में 10,000 से ज्यादा डॉक्टर हड़ताल पर हैं, जिनमें ग्वालियर के जीआरएमसी के साढ़े 350 और स्वास्थ विभाग के 140 डॉक्टर हड़ताल पर हैं। ऐसे में यदि आज कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है तो कल से डॉक्टर काम बंद अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगे।
हेमंत शर्मा, इंदौर। प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल से 52 जिला अस्पताल, 13 मेडिकल कॉलेज प्रभावित होंगे। इंदौर जिले में लगभग दो हजार डॉक्टर हड़ताल पर है।
कुमार इंदर, जबलपुर। जिले भर में करीब 180 डॉक्टर हड़ताल पर है। डॉक्टरों ने सुबह 11 बजे से 1 बजे तक काम बंद रखा। हड़ताल के चलते अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लग गई। आज शाम तक मांगें नहीं माने जाने पर डॉक्टर्स कल से पूरी तरह हड़ताल पर जाएंगे। इस दौरान सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेगी। बीएचएमएस डॉक्टरों के भरोसे व्यवस्था रहेगी।
कमलनाथ ने ट्वीट कर कही ये बात
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा- प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में अपना अमूल्य योगदान देने वाले एवं कोरोनाकाल में अपने प्राणों की चिंता किए बिना प्रदेश की जनता का उपचार और टीकाकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हमारे शासकीय चिकित्सक और संविदा स्वास्थ्य कर्मी अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं।
मैं राज्य शासन से अनुरोध करता हूं कि अविलंब हड़ताल कर रहे शासकीय चिकित्सकों और संविदा स्वास्थ्य कर्मियों से संवाद स्थापित कर उनकी मांगो के निराकरण के लिए आवश्यक कदम उठाएं, ताकि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चलें और आम जनता एवं गंभीर मरीजों को असुविधा ना हो।
बता दें कि प्रदेश के 10 हजार से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर है। डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। डॉक्टर्स को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और जूनियर डॉक्टर्स का भी समर्थन मिला है। कल काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया था। DACP लागू, अधिकारियों के हस्तक्षेप रोकने, पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग है। डॉक्टरों ने बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।
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