राकेश चतुर्वेदी/शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में जिलों के परिसीमन पर घमासान शुरू हो गया है। सरकार के जिलों के सीमांकन पर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने कहा कि राजनीतिक कूट और दुर्भावना देखी जाएगी तो न्याय पूर्ण नहीं रहेगा। आबादी के हिसाब से परिसीमन होना चाहिए। वहीं इस पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है।

सरकार की मंशा पर एमपी कांग्रेस को शंका!

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि क्षेत्रफल की भूमिका अलग-अलग होती है। सीमांकन अलग-अलग जिलों की भौगोलिक स्थिति के अनुसार होना चाहिए। राजनीतिक कूट और दुर्भावना देखी जाएगी तो न्याय पूर्ण नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि आबादी के हिसाब से परिसीमन होना चाहिए।

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बीजेपी ने कांग्रेस को बताया राक्षसी प्रवत्ति

इस पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस का राक्षसी प्रवत्ति का बता दिया। भाजपा प्रवक्ता मिलन भार्गव ने कहा कि कांग्रेस की मानसिकता विरोध की है। जिले का नाम आता है तो विरोध करना शुरू कर देते हैं। सुबह उठकर विरोध, रात को फिर विरोध करना, इनकी राक्षसी प्रवत्ति होलोरे लेती है। राक्षसी प्रवत्ति को विकास पसंद नहीं है। इन्हें विरोध और विवाद करना है।

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जिलों का परिसीमन करेगी एमपी सरकार

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार अब जिलों का परिसीमन करेगी। जिलों के सीमांकन से जनता की कठिनाइयां दूर होंगी। इसके लिए परिसीमन आयोग बनाया गया है। एसीएस रैंक के रिटायर्ट अफसर मनोज श्रीवास्तव को आयोग की जिम्मेदारी दी है। आयोग संभाग और जिलों का अध्यन करेगा। जनता अपना सुझाव आयोग को दे सकती है।

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