शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल का बड़ा बयान सामने आया हैं। उन्होंने कहा कि एमपी की पंचायतों में मंगलवार को जनसुनवाई होगी। उन्होंने बताया कि कमर्शियल यूज वाली पंचायतों का मास्टर प्लान तैयार होगा। वहीं एमपी के पांच जगहों पर आदर्श केंद्र को विकसित करने का फैसला लिया गया है।

शुक्रवार को मंत्री प्रहलाद पटेल ने भोपाल के प्रोफेसर कालोनी स्थित निवास पर विभाग की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश श्रम कल्याण मंडल ने प्रदेश के उज्जैन, पीतमपुर, भोपाल, जबलपुर और सतना में पांच आदर्श केंद्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। साथ ही श्रमोदय आदर्श ITI मुगालिया छाप में अब सिविल इंजीनियरिंग अस्सिटेंट, टेक्नीशियन मेंकाटोनिक्स, एडवांस सीएनसी मशीनिंग टेक्नीशियन में कोर्स कर पाएंगे।

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उन्होंने बताया कि भवन विहीन ग्राम पंचायतों के लिए 1400 ग्राम पंचायत भयनों की स्वीकृति प्रथम चरण में जारी की जा रही है। स्थानीय ग्रामीण समुदाय हेतु सामुदायिक भवनों का निर्माण भी चरणबद्ध रूप से किया जाएगा। महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत श्रम सामग्री (60:40) का अनुपात अभी तक जिला स्तर पर संधारित किया जाता था। अब इसको जनपद स्तर पर संधारित किया जाएगा।

मंत्री प्रहलाद ने कहा कि 25 लाख तक के कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के अधिकार सरपंचों को दिए गए हैं। तकनीकी स्वीकृति सहायक यंत्री को अधिकृत किया जा चुका है। महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत कपिलधारा की इकाई लागत राशि तथा पेयजल हेतु बनाने वाले सामुदायिक कूप की लागत राशि में अंतर है। इसको युक्ति युक्त करने का अनुरोध किया गया है। इस पर विचार किया जाएगा। पंचायत राज ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 का दुरुपयोग सरपंच के विरुद्ध ना हो इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए जाएंगे।

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वहीं उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन 181 पर झूठी शिकायत दर्ज कराने वाले और आदतन शिकायतकर्ता के संबंध में आवश्यक कार्रवाई के लिए लोक सेवा प्रबंधन विभाग से संवाद हुआ है। सरपंचों के प्रति अविश्वास का प्रस्ताव तीन चौथाई बहुमत से पास करने व 3 वर्ष पश्चात अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान नगरीय निकायों की तरह पंचायत में भी किए जाने का अनुरोध किया गया है। जिसे स्वीकार किया है। रोजगार सहायक एवं सचिन की ACR लिखने का अधिकार सरपंच को रहे। पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 22 के अंतर्गत सरपंचों को जनपद पंचायत में रोस्टर के हिसाब से 20% प्रतिवर्ष बुलाए जाने के प्रावधान का पालन सुनिश्चित हो।

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